हरियाली पर चला पब्लिक हेल्थ का बुलडोजर: नहीं ली वन विभाग से कोई अनुमति, जांच के बाद एक्शन लेगा विभाग  

Villagers showing green trees that have been cut. RFO Sandeep Kumar
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काटे गए हरे पेड़ दिखाते ग्रामीण। आरएफओ संदीप कुमार। 
रेवाड़ी में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने अवकाश का दिन बिना अनुमति के ही बुड़ौली के जलघर में 100 से अधिक पेड़ों पर बुलडोजर चला दिया। वन विभाग कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

मनोज बुलान, रेवाड़ी: पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने अवकाश का दिन होने के कारण रविवार को बुड़ौली के जलघर में 100 से अधिक पेड़ों पर बुलडोजर चला दिया। पेड़ उखाड़ने से पहले विभाग ने वन विभाग से अनुमति भी नहीं ली। सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी हरकत में आए। विभाग ने पेड़ उखाड़ने की अनुमति से इनकार करते हुए आवश्यक कदम उठाने की बात कही। वन विभाग जांच कर रहा है कि कितने हरे पेड़ों को उखाड़ा गया है।

10 एकड़ पंचायती जमीन पर बना है जलघर

गांव की करीब 10 एकड़ पंचायती जमीन पर जलघर बना हुआ है। जलघर की जमीन पर हजारों की संख्या में हरे पेड़ खड़े हैं। पेड़ काटने के लिए नियमानुसार वन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। जन स्वास्थ्य विभाग के जेई ने 100 से अधिक पेड़ों को अवकाश के दिन बुलडोजर से उखड़वा दिया। पेड़ उखाड़े जाने की सूचना मिलने के बाद सरपंच सतीश कुमार ने मौके पर जाकर जेई से पूछताछ की, तो उसने वन विभाग से अनुमति लेने का दावा किया। सरपंच को जानकारी मिली कि जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से पेड़ उखाड़ने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके बाद ग्राम पंचायत ने वन विभाग को शिकायत दर्ज कराई। सरपंच ने संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीसी और फोरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई है।

बरसात के सीजन में लगाए गए थे पौधे

वन विभाग की ओर से हरियाली को बढ़ावा देने के लिए बरसात के सीजन में ही इस जमीन पर विभिन्न किस्मों के पौधे लगवाए थे। इनमें जांटी, कीकर व नीम के पौधे पेड़ बन चुके थे। नए पौधों के साथ-साथ पुराने पेड़ों पर भी विभाग का बुलडोजर चल गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण को झटका लगा है। यह पेड़ रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए उखाड़े गए हैं, जिनकी जांच संबंधित अधिकारी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

अभी तक जमीन विभाग के नाम नहीं

सरपंच सतीश कुमार ने दावा किया कि यह जमीन अभी तक ग्राम पंचायत के नाम पर है। जमीन जलघर बनाने के लिए दी गई है, जबकि इसे अभी तक विभाग के नाम नहीं कराया गया है। इस जमीन पर पेड़ काटने का अधिकार तक जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है। ऐसे में विभाग के जेई ने पेड़ों को उखाड़ते समय नियमों को पूरी तरह ताक पर रखा है। मामले की जांच करवाई जानी आवश्यक हो गई है।

जेई से की जाएगी मामले में पूछताछ

जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता रविंद्र गोठवाल ने कहा कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। अगर ऐसा हुआ है, तो जेई से पूछताछ के बाद स्थिति साफ होगी। विभाग बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई नहीं करता। वहीं, वन विभाग के अधिकारी संदीप कुमार ने कहा कि आरंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि जेई प्रवीन कुमार ने बिना अनुमति बुलडोजर से पेड़ उखड़वाए हैं। जेई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।

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