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हरियाणा के बहादुरगढ़ में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में जांच करने के लिए वीरवार को सीबीआई की टीम बहादुरगढ़ पहुंची। ज्ञात रहे कि 25 फरवरी को गोलियों से भूनकर नफे सिंह राठी की हत्या कर दी गई थी। अब सीबीआई मामले की जांच करेगी।

Bahadurgarh: पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में जांच करने के लिए वीरवार को सीबीआई की टीम बहादुरगढ़ पहुंची। ज्ञात रहे कि 25 फरवरी को गोलियों से भूनकर नफे सिंह राठी की हत्या कर दी गई थी। इसके अगले ही दिन विधानसभा के भीतर तत्कालीन गृहमंत्री अनिल विज ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया था। दो महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद वीरवार को सीबीआई टीम मामले की जांच करने बहादुरगढ़ आई और एसआईटी से मुलाकात की।

25 फरवरी को हुई थी नफे सिंह की हत्या

बता दें कि प्रदेश के कद्दावर राजनेताओं में शामिल नफे सिंह राठी की 25 फरवरी को रेलवे फाटक पर चार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जबकि उनके साथी जयकिशन दलाल, निजी सुरक्षाकर्मी संजीत व गाड़ी चला रहे भांजे संजय घायल हो गए थे। उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल में लाया गया। पुलिस ने घायल संजय के बयान के आधार पर अज्ञात हमलावरों के साथ ही दस नामजद लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू की। इस वारदात को सुलझाने के लिए डीएसपी की अगुवाई में एसआईटी गठित की। जांच के दौरान मिली सीसीटीवी फुटेज से हमलावरों के चेहरे बेनकाब हुए। इनकी पहचान कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग से जुड़े अतुल, आशीष, नकुल व सौरव के रूप में हुई। हत्या के बाद इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई पोस्ट में ब्रिटेन बेस्ड गैंगस्टर नंदू ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली।

सीआईए व एसटीएफ कर रही भागदौड़

सीआईए व एसटीएफ के साथ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्पेशल सैल ने लगातार भागदौड़ की। चारों हत्यारों पर एक-एक लाख रुपए का ईनाम रखा गया। हमलावरों की गाड़ी रेवाड़ी की पार्किंग से बरामद हुई। हत्यारे ट्रेन के जरिए नारनौल, अहमदाबाद और फिर मुंबई तक पहुंच गए। पुलिस ने आशीष और सचिन उर्फ सौरव नाम के दो शूटरों को गोवा से गिरफ्तार कर लिया। हत्यारों को गाड़ी उपलब्ध करवाने के आरोप में धर्मेंद्र निवासी बिजवासन को प्रॉडक्शन वारंट पर लाया गया। गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई। इसके बाद अमित गुलिया को भी प्रॉडक्शन वारंट पर लाकर एक अप्रैल को गिरफ्तार किया। उसे 8 दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, लेकिन कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ। पुलिस आगे की कड़ी जोड़ने में लगभग विफल रही है।

2 माह बाद जांच करने पहुंची सीबीआई

वारदात को हुए दो माह हो चुके है और अब सीबीआई की टीम के 7-8 सदस्य बहादुरगढ़ पहुंचे। वारदात की जांच के लिए बनी एसआईटी के सदस्यों से जानकारी प्राप्त की। हत्याकांड से जुड़े विवरण प्राप्त करने के साथ ही साक्ष्य भी खंगाले। नफे सिंह पर गोलियां बरसाने वाले अतुल व नकुल की गिरफ्तारी के साथ ही इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने वाले कपिल सांगवान उर्फ नंदू को ब्रिटेन से लाकर पूछताछ करना सीबीआई के लिए बड़ी चुनौती है। कॉन्ट्रेक्ट किलिंग के इस मामले में साजिशकर्ताओं का खुलासा करना भी सीबीआई के लिए चैलेंज है।

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