मेवात लोकसभा क्षेत्र: चुनावी हवा का रुख हमेशा विपरीत, 3 हलकों में जीतने वाला नहीं पहुंचा लोकसभा

Rao Inderjit Singh. Captain Ajay Singh. Zakir hussain.
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राव इन्द्रजीत सिंह। कैप्टन अजय सिंह। जाकिर हुसैन। 
गुरुग्राम लोकसभा सीट पर आर्थिक रूप से कमजोर माने वाले नूंह जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में जीतने वाला उम्मीदवार कभी लोकसभा तक नहीं पहुंच पाया।

नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: गुरुग्राम लोकसभा सीट पर आर्थिक रूप से कमजोर माने वाले नूंह जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में हवा का रुख लगातार विपरीत चला आ रहा है। इस जिले के तीनों हलकों में लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करने वाला कंडीडेट कभी भी लोकसभा के दर्शन नहीं कर पाया है। लोकसभा में प्रवेश करने वाला प्रत्याशी अभी तक तीनों सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर पाया है। दो सीटों पर वर्ष 2014 के चुनावों में भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहने के बावजूद जीत हासिल करने में कामयाब रह चुके हैं।

राव इंद्रजीत सिंह ने ही 3 बार जीती गुरुग्राम सीट

गुरुग्राम सीट पर लगातार तीन बार राव इंद्रजीत सिंह ने ही जीत हासिल की है। वह एक बार कांग्रेस और दो बार भाजपा की टिकट पर सांसद बने हैं। लगभग तीनों बार उनकी जीत एकतरफा रही है। कांटे का मुकाबले नहीं होने के कारण नूंह के लोगों की नाराजगी भी चुनाव परिणाम पर असर नहीं डाल सकी। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह को नूंह, फिरोजपुर झिरका व पुन्हाना में हार का सामना करना पड़ा, जबकि बहुजन समाज पार्टी के जाकिर हुसैन विजयी रहे। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह लोकसभा सीट पर ओवरऑल विजेता रहे। 2014 के लोकसभा चुनावों में इनेलो की टिकट पर जाकिर हुसैन को तीनों सीटों पर अच्छे वोटों से जीत मिली थी। गत लोकसभा चुनावों में मेवात के तीनों हलकों में कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव ने जीत का परचम लहराया, लेकिन लोकसभा नहीं पहुंचे।

इनेलो प्रत्याशी को लेकर इंतजार

मेवात क्षेत्र में पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला की मजबूत पकड़ रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी को पीछे छोड़ते हुए इनेलो की टिकट पर ही जाकिर हुसैन ने राव इंद्रजीत सिंह को कड़ी टक्कर दी थी। जाकिर को तीनों हलकों में एकमुश्त वोट मिले थे। इससे पूर्व विधानसभा चुनावों में भी चौटाला की तीनों हलकों पर खास नजर रही है, लेकिन पार्टी में बिखराव होने के बाद इनेलो का जनाधार भी हासिए पर आ गया। अभी इस सीट पर इनेलो से भी प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार है।

कांग्रेस को मेवात से बड़ी उम्मीदें

मुस्लिम बाहुल्य मेवात इलाका कांग्रेस का परंपरागत गढ़ माना जाता है। कमजोर कंडीडेट होने की स्थिति में नूंह जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे दल को तवज्जो दी गई। कैप्टन के रूप में मजबूत कंडीडेट मैदान में आते ही गत लोकसभा चुनावों में उन्हें तीनों मुस्लिम बाहुल्य हलकों में भारी समर्थन मिला। राव के बाद वह इस हलके में दूसरे दमदार प्रत्याशी साबित हो चुके हैं, परंतु इस बार उनकी टिकट को लेकर मामला काफी दिनों से खटाई में पड़ा हुआ है।

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