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महेंद्रगढ़ के कनीना कस्बे के पास अनियंत्रित स्कूल बस पलट गई। हादसे में छह बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 से अधिक बच्चे घायल हैं। हादसे के पीछे कई लोगों की लापरवाही सामने आ रही है। पढ़िये यह रिपोर्ट...

महेंद्रगढ़ जिले के कनीना कस्बे के नजदीक आज सुबह स्कूल बस पलटने से छह बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं। घायलों में कईयों की हालत गंभीर बनी है, जिन्हें रेवाड़ी रेफर किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बस चालक हादसे के लिए जिम्मेदार है, लेकिन स्कूल बस के डॉक्यूमेंट की जांच के बाद पता चला है कि स्कूल प्रबंधन भी हादसे के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। यही नहीं, स्कूल प्रबंधन की इस लापरवाही के कारण जिला प्रशासन भी सवालों के घेरे में आ चुका है। आइये सिलसिलेवार जानने का प्रयास करते हैं कि इस हादसे के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं।

1. हादसे के लिए स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार?

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस चालक ने ओवरटेक का प्रयास किया, जिसके चलते बस पलट गई। वहीं, आरोप है कि बस चालक नशे में था। यही नहीं, पुलिस ने स्कूल बस के डॉक्यूमेंट्स की भी जांच की, जिसमें फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर डेट का मिला। अब सवाल उठता है कि फिटनेस सर्टिफिकेट न होने के बावजूद इसे क्यों रूट पर उतारा गया। दूसरी लापरवाही यह बताई जा रही है कि आज ईद के चलते स्कूलों की सरकारी छुट्टी थी। बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन ने छुट्टी नहीं की। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर छुट्टी होती तो यह हादसा नहीं होता और बच्चों को इस तरह जान नहीं गंवानी पड़ती।

प्रिंसिपल ने की घोर लापरवाही

बताया जा रहा है कि ग्रामीणों को पहले ही पता चल गया था कि बस चालक नशे में है। इसकी सूचना स्कूल प्रिंसिपल को दी गई, लेकिन प्रिंसिपल ने यह कहकर उसे छोड़ने को कहा कि अभी बच्चे स्कूल पहुंचने में लेट हो जाएंगे। स्कूल आते ही उसके खिलाफ कार्रवाई कर उसे ड्यूटी से हटा देंगे। अब हादसा होने के बाद ग्रामीण खुद को कोस रहे हैं कि अगर बस को नहीं जाने देते तो मासूमों की जान नहीं जाती।

2. क्या जिला प्रशासन भी हादसे के लिए जिम्मेदार?
स्कूल बसों के लिए तय नियमों को देखें तो इस हादसे के लिए जिला प्रशासन भी बराबर का जिम्मेदार है। दरअसल, नियमों के तहत जिला प्रशासन को समय समय पर फिटनेस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट समेत तमाम डॉक्यूमेंट्स की जांच करनी होती है और सभी डॉक्यूमेंट्स की अंतिम डेट का रिकॉर्ड अपने पास रखना होता है। इसके आधार पर दोबारा से जांच की जाती है ताकि सुनिश्चित हो सके कि डॉक्यूमेंट्स रिन्यू करवाए हैं या नहीं। चौंकाने वाली बात यह है कि एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट छह साल पहले समाप्त हो गया था। ऐसे में स्पष्ट है कि स्कूल बसों की नियमित अंतराल पर जांच के दावे कागजों पर ही पूरे हो जाते हैं।   

3. बस की रफ्तार तीन गुना ज्यादा

बच्चों की मानें तो स्कूल बस की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा रही थी। स्कूल बसों के लिए तय नियमों को देखें तो अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए। चूंकि एक ही बस से अलग-अलग रूटों से बच्चों को ढोया जाता है, लिहाजा बस ड्राइवर समय का पालन करने के लिए इन नियमों का उल्लंघन करते हैं। यही नहीं, बस चालक के साथ परिचालक और महिला बस मार्शल के तैनाती अनिवार्य है, लेकिन यहां भी इस नियम का उल्लंघन किया गया। ऐसे में बस चालक तो जिम्मेदार है, साथ ही स्कूल प्रबंधन और अधिक जिम्मेदार है।  

क्या कहती हैं हरियाणा की शिक्षा मंत्री

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने हादसे पर कहा है कि संबंधित जिला उपायुक्त और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की है। हम पता लगा रहे हैं कि ईद की सरकारी छुट्टी के बावजूद बच्चों को स्कूल क्यों बुलाया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल का दौरा कर बच्चों से हालचाल पूछा है। एक छात्रा की हालत गंभीर बनी है।

उन्होंने कहा कि स्कूल मालिक, प्रिंसिपल और बस चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ईद की छुट्टी पर स्कूल खोलने के सवाल पर कहा कि भविष्य में सभी प्राइवेट स्कूलों को एक हलफनामा देने का निर्देश देंगे कि वे सभी तय नियमों का पालन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। 

इस स्कूल का मालिक नगर पालिका का पूर्व अध्यक्ष

यह बस जीएल पब्लिक स्कूल की है। बताया जा रहा है कि यह स्कूल कनीना में 22 सालों से स्थित है। इसके मालिक का नाम राजेंद्र लोढ़ा बताया जा रहा है, जो कि कनीना नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से संबंध है। अभी तक इस हादसे पर उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। 

एसपी अर्श वर्मा का कहना है कि आरोपी बस चालक की मेडिकल जांच करा रहे हैं ताकि पता चल सके कि उसने नशा किया था या नहीं। उन्होंने बताया कि स्कूल अधिकारियों से भी संपर्क करके सुनिश्चित किया जाएगा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो सके।

दीपेंद्र हुड्डा ने चुनाव प्रचार स्थगित किया, दुष्यंत ने उठाए सवाल

इस हादसे को लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने दुख व्यक्त किया है। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल समेत सत्ता और विपक्ष के तमाम नेताओं ने इस हादसे पर दुख जताया है। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि इस दुखद घटना के चलते आज चुनाव प्रचार का कार्यक्रम स्थगित कर रहा हूं। उन्होंने पीड़ित परिवारों एवं सभी घायलों को मुफ्त उपचार सहित हर संभव मदद मुहैया कराने का आग्रह किया है।

वहीं, जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने हादसे को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से तुरंत  ACS एजुकेशन के अंडर एक कमेटी बना कर जांच कराने की बात कही है। 

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