Government Women College के लिए नहीं मिल रही जमीन: जुबानी घोषणा तक सिमटे कैप्टन पूनम रानी को सम्मान देने के दावे

Army officers and martyr Captain Poonam Rani handing over the tricolor flag and dress to the family
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शहीद कैप्टन पूनम रानी की अंतिम विदाई के दौरान परिजनों को तिरंगा झंडा व पोशाक सौंपते सेना अधिकारी व शहीद कैप्टन पूनम रानी। (दोनों फाइल फोटो )
हरियाणा के कैथल में शहीद कैप्टन पूनम रानी के नाम से राजकीय महिला कॉलेज खोलने की घोषणा केवल जुबानी रह गई है। अभी तक ग्राम पंचायत कॉलेज के लिए जमीन तक तलाश नहीं कर पाई।

Kaithal: कलायत के गांव बालू की बलिदानी कैप्टन पूनम रानी के नाम से राजकीय महिला कालेज खोलने के मामले में करीब तीन माह का समय बीत जाने के बाद भी अरमान अधूरे हैं। इससे बलिदानी बेटी का परिवार, समाज सेवी संगठनों, घर द्वार पर उच्च शिक्षा हासिल करने के अरमान संजोने वाली बहु-बेटियों और आम लोगों के चेहरे मुरझाए हैं। हालांकि ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने बलिदानी बेटी के अंतिम पड़ाव स्थल पर जल्द कालेज, स्वागत द्वार, पार्क व अन्य विकास कार्य पूरा करवाने के दावे किए थे। लेकिन अभी तक ये वायदे केवल जुबानी घोषणा तक सिमटे हुए हैं। कॉलेज के लिए ग्राम पंचायत जमीन उपलब्ध करवाने में सफल नहीं हो पा रही है।

10 दिसंबर को बेटी ने कहा था दुनिया को अलविदा

कलायत के गांव बालू की कैप्टन पूनम रानी ने 10 दिसंबर 2023 को दिल्ली सैनिक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। परिजनों के अनुसार सेवा के दौरान अचानक पूनम की तबीयत खराब हो गई थी। उसे तुरंत अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया, जहां उसने दुनिया को अलविदा कर दिया। उनकी अंतिम यात्रा में विभिन्न राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए थे ।

सैनिक सम्मान देने के प्रयास जारी

बालू खाप प्रवक्ता प्रवीण राविश ने कहा कि बलिदानी कैप्टन पूनम रानी किसी एक परिवार की बेटी नहीं थी। उनके नाम से कालेज शुरू करने के प्रयास निरंतर जारी हैं। यदि बालू की पंचायतें जमीन देने में असमर्थ रही तो आसपास के गांव में कालेज शुरू करने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। क्योंकि पास पड़ोस के गांव की कई पंचायतें जमीन देने को तैयार हैं।

पिता की आंखों से नहीं सूख रहा पानी

पिता रामेश्वर फौजी ने कहा कि उनकी बेटी पूनम रानी हरियाणा की पहली शहीद कैप्टन हैं। वे सरकार व प्रशासन से अपने निजी परिवार के लिए कोई आर्थिक व अन्य मदद की मांग नहीं कर रहे। उनका सपना बेटी की याद में राजकीय महिला कालेज शुरू करवाने का है। ताकि बहु-बेटियों को कालेज शिक्षा हासिल करने में कोई समस्या न आए। भावुक पिता ने कहा कि निश्चित रूप से पढ़ लिखकर बहु-बेटियां हर क्षेत्र में अपनी कुशलता का आभास करवाने का काम करेंगी।

विधानसभा पटल पर भी पहुंचा था मामला

हरियाणा विधानसभा के पिछले सत्र में भले ही शहीद पूनम रानी की याद में शोक संदेश नहीं पढ़ा गया। लेकिन जब शहीद बेटी के सम्मान से जुड़ा यह मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रतिपक्ष नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सदन के दूसरे सदस्यों के संज्ञान में आया तो विशेष रूप से श्रद्धा सुमन पत्र शहीद परिवार को विधानसभा की तरफ से भेजा गया।

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