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Holi Celebration in Siwani: सिवानी के बड़वा गांव की होली देशभर में प्रसिद्ध है। इस गांव में लगभग डेढ़ महीने तक होली का जश्न मनाया जाता है। गांव में होली के त्यौहार पर लोग नाचते गाते हुए उत्सव का आनंद लेते हैं।

Holi Celebration in Siwani: हरियाणा के सिवानी के बड़वा गांव की होली देशभर में प्रसिद्ध है। इस गांव में लगभग डेढ़ महीने तक इस गांव में होली का जश्न मनाया जाता है। गांव में होली के धमाल पर लोग नाचते गाते हुए होली के उत्सव को मनाते हैं। यही कारण है कि इस गांव की होली का त्यौहार पूरे देश भर में प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सैकड़ों सालों से राजपूत घराने के लोग मचाते आ रहे हैं। कहा जाता है की इस गांव की होली काफी रोमांचित होती है। यहां पर होली मनाने के लिए आसपास गांव के लोग भी आते हैं। इसके अलावा राजपूत घराने के लोग होली की पूजा अर्चना विशेष तौर-तरीकों से करते हैं।

राजपूतों द्वारा होलिका की जाता है विराजित

इस गांव के गोलियां जोड़ पर राजपूत घराने के लोग विशेष पूजा अर्चना के साथ होलिका को विराजित करते हैं और बाद में पूरे दिन यहां पर  गांव के लोग पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। होली की पूजा होने के बाद शाम को मुहूर्त के अनुसार, होलिका दहन किया जाता है। इस होलिका दहन में  हजारों लोग एक साथ शामिल होते हैं।

बसंत पंचमी से ही शुरू होती है यहां की होली

Holi Celebration in Siwani
बड़वा गांव की होली

राजपूत घराने के लोग बसंत पंचमी के दिन से ही गांव में होली का उत्सव को मनाना शुरू कर देते हैं। इस उत्सव के दौरान वह जागने की प्रक्रिया शुरू करते हैं, जो कि शाम को शुरू होती है और देर रात तक चलती रहती है। इस जश्न में ज्यादातर लोग राजपूत घराने के ही होते हैं डफ बजाते हुए इस उत्सव को मनाते हैं। वहीं, स्टेप कार्यक्रम में अन्य जातियों के लोग भी शामिल होते हैं और अलग-अलग तरह के लोक गीत गाए जाते हैं। होली में बजने वाला डफ बसंत पंचमी को आरंभ होने के बाद गणगौर तक जारी रहता है और उसके बाद ही इसका समापन किया जाता है। गांव में होली के मौके पर एक विशाल डफ प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है और इसका आयोजन गांव के श्री रामदेव जी मंदिर प्रांगण में होता है।  

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गांव के लोग बताते कि यहां की होली का धमाल पूरे देश भर में प्रसिद्ध है और बड़े उत्सव और अपार उत्साह के साथ गांव के लोग होली का जश्न मनाते हैं और उसके 17 दिन बाद गणगौर भी काफी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गांव में मनाया जाता है। 

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