हड़ताल को तैयार एचसीएमएस एसोसिएशन: डीजी हेल्थ ऑफिस पंचकूला पर 8 जुलाई को धरने की तैयारी, सरकार को अल्टीमेटम

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प्रतीकात्मक तस्वीर। 
सिविल मेडिकल एसोसिएशन की राज्य कोर कमेटी ने डॉक्टरों की मांगे पूरी नहीं होने के कारण 8 जुलाई को डीजी हेल्थ ऑफिस पंचकूला सेक्टर छह में प्रदर्शन का निर्णय लिया।

Haryana: हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन की राज्य कोर कमेटी ने डॉक्टरों की मांगे पूरी नहीं होने के कारण अब आंदोलन चलाने का फैसला कर लिया है। इस क्रम में 8 जुलाई को डीजी हेल्थ ऑफिस (स्वास्थ्य मुख्यालय) पंचकूला सेक्टर छह में प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा 15 जुलाई को डॉक्टरों ने पूरे प्रदेश के अंदर दो घंटे के लिए कलम छोड़ हड़ताल का फैसला लिया है। इसके बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला तो 25 जुलाई से अनिश्चितकाल के लिए सभी इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। एसोसिएशन का कहना है कि इसके कारण जो भी समस्या आएगी, उसके जिम्मेदार अफसर और सरकार होगी।

मांगों का निराकरण होने के बाद भी मामला चल रहा लंबित

एसोसिएशन प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया, महासचिव अनिल यादव ने बताया कि अधिकारियों और सरकार को बताए जाने व मांगों के निराकरण के आदेश हो जाने के बाद भी मामला लंबित चल रहा है। यही कारण है कि एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे पर काले बिल्ले लगाकर काम किया। सुनवाई नहीं होने के कारण प्रदेशभर के डॉक्टर एक बार फिर से आंदोलन की राह पर हैं। एसोसिएशन की राज्य कोर समिति की गत दिवस बैठक भी हुई। एसोसिएशन का कहना है कि छह माह पहले भी इन मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के साथ सहमति बन गई थी, लेकिन उन मांगों को लेकर कोई ठोस हल नहीं निकल सका। इस कारण अब सभी डाक्टरों में नाराजगी व्याप्त है। एसोसिएशन और कोर कमेटी में वादा खिलाफी करने के कारण नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसलिए 8 जुलाई को डीजी हेल्थ ऑफिस पर प्रदर्शन होगा। इसमें सभी जिलों से जिला कार्यकारिणी पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।

मंत्री व एसीएस से हो चुकी बैठक, नहीं निकला समाधान

एसोसिएशन द्वारा लगातार मांगों को लेकर मंत्री और एसीएस के साथ बैठक हो चुकी है, लेकिन मामले को लगातार टाला जा रहा है। एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि लोगों की सेहत को लेकर रात दिन काम करने वाले कोरोना योद्धाओं की बात नहीं सुनी जा रही और अब मजबूर होकर आंदोलन की तरफ जाना पड़ रहा है। अफसरों के उदासीन रवैये के कारण भारी नाराजगी व्याप्त है। छह माह पहले आंदोलन स्थगित कर दिया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छह महीने बाद भी सरकार द्वारा वादा किए गए मुद्दों में से कोई भी हल नहीं हुआ है। चार महत्वपूर्ण मुद्दों में से, दो मुद्दे धीमी गति से आगे बढ़ रहे हैं और लालफीताशाही के कारण अटके हुए हैं। दो अन्य मुद्दों के प्रस्ताव डीजी कार्यालय द्वारा अभी तक शुरू भी नहीं किए गए हैं।

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