डिजिटल हुई Haryana Assembly: गठन से लेकर अब तक के विधायी कार्यों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध

Haryana Assembly
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हरियाणा विधानसभा का भवन। फाइल फोटो
हरियाणा विधानसभा को डिजिटलाइज कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। हरियाणा गठन के बाद 1966 से लेकर फरवरी 2024 तक के सभी विधायी कार्य ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए हैं।

Haryana: हरियाणा विधानसभा का वर्ष 2024-25 का बजट सत्र कई मायनों में अहम रहा। एक ओर जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त मंत्री के रूप में लगातार 5वां टैक्स फ्री बजट प्रस्तुत किया।वहीं दूसरी ओर इस सत्र में हरियाणा विधानसभा को डिजिटलाइज करके प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। सीएम ने एक सुलझे हुए अर्थशास्त्री की तरह बजट में मितव्ययिता की धारणा पर चलते हुए उपलब्ध साधनों व संसाधनों का आवश्यकता के अनुरूप केवल उतनी ही मात्रा में उपयोग किया, जितनी की आवश्यकता है।

अब तक का सर्वाधिक राशि का प्रस्तुत किया बजट

सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा गठन के बाद अब तक के सर्वाधिक राशि 1,89,876.61 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने बतौर वित्त मंत्री के रूप में एफ.एम.बी.ए. के मानदंडों पर चलते हुए जीएसडीपी की 3 प्रतिशत की सीमा के अंदर ही ऋण लिया है, जो एक वित्तीय संस्थानों की एक समृद्ध परंपरा है। बजट सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा कि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विधानसभा सचिवालय को कॉर्पोरेट लुक दिया है। राष्ट्रीय ई-विधानसभा की धारणा पर चलते हुए इस बजट सत्र के दौरान हरियाणा गठन के बाद 1966 से लेकर फरवरी 2024 तक के सभी विधायी कार्य अपलोड कर दिए गए हैं, जिसमें प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, सत्र अवधि, प्राइवेट मेंबर बिल भी शामिल हैं।

राजपत्रित अधिकारियों व विधानसभा सचिव के लिए लागू किया ड्रेस कोड

विधानसभा बजट सत्र इसलिए अहम रहा क्योंकि इस दौरान सुख सहायक से लेकर राजपत्रित अधिकारियों व विधानसभा सचिव तक के अधिकारी के लिए ड्रेस कोड लागू किया। विधानसभा सत्र में सभी कर्मचारी अपने-अपने पद के अनुरूप अलग-अलग रंग की ड्रेस में नजर आए। विधान सभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को इस बदलाव के बारे विशेष रूप से जानकारी दी ताकि जब वे विधान सभा की विभिन्न समितियों की बैठकों में आए तो विधान सभा सचिवालय के कर्मचारियों को उन्हें पहचानने में कोई दिक्कत न हो। बजट सत्र के दौरान यह जानकारी दी कि हरियाणा विधान सभा को देश भर में ऐसी पहली विधानसभा बनने का गौरव प्राप्त हुआ है, जहां विधान सभा की लोक लेखा समिति की कोई भी रिपोर्ट लंबित नहीं है।

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