किसानों का रेल रोको आंदोलन: शंभू स्टेशन से जाने वाली कई ट्रेनें प्रभावित, आंदोलनकारी आज कर सकते हैं बड़ा ऐलान

Rail Roko Movement: किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रही है। हरियाणा और पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों के धरने को आज तीन दिन हो गए। रेलवे ट्रेक को पर किसानों ने पूरी तरह जाम कर दिया है। इस प्रदर्शन के कारण हरियाणा से पंजाब, दिल्ली, यूपी और जम्मू-कश्मीर जाने वाली लगभग सभी ट्रेनें प्रभावित हुई है।
कई ट्रेनों को रद्द भी करना पड़ गया, तो वहीं कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किए गए। रूट डायवर्ट होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अंबाला कैंट के बाहर खड़े टैक्सी चालक यात्रियों से तीन गुना किराया वसूला रहे हैं।
प्रेस वार्ता करेंगे किसान नेता
किसानों ने सरकार पर अनदेखी करने का आरोप लगा रही है। किसानों ने सराकार का चेतावनी दी है कि अगर नवदीप सिंह जलबेहड़ा समेत तीनों किसानों को जेल से रिहा नहीं किया गया, तो किसान जल्द ही एक बड़ा कदम उठा सकते हैं इसी को लेकर आज किसान नेता सरवन सिंह पंधेर शंभू बॉर्डर पर प्रेस वार्ता करने वाले है।
स्टेशन पर बनाए गए इन्क्वायरी काउंटर
अंबाला डिवीजन के सीनियर डीसीएम ने बताया कि किसानों ने शंभू स्टेशन पर रेल ट्रैक जाम किया हुआ है। जिस कारण कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। रेलवे रूट डायवर्ट करके पंजाब और जम्मू-कश्मीर तक ट्रेनों को पहुंचाया जा रहा है।
वहीं, अंबाला कैंट तक पहुंचने के लिए भी ट्रेनों के रूट बदलाव किए गए हैं।डीसीएम ने बताया कि जो ट्रेनें रद्द हुई है। ऐसे में टिकट कैंसिल होने पर यात्री को उनका पूरा पैसा वापस किया जाएगा। इसके लिए स्टेशन पर 5 इन्क्वायरी काउंटर बनाए गए हैं।
क्या है किसानों की मांग
धरने पर बैठे किसान सरकार से नवदीप सिंह जलबेड़ा सहित 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पहले उनकी हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ बैठक हुई थी, जिसके बाद उन्हें रिहाई का आस्वाशन दिया गया था। इसके लिए किसनों ने सरकार को 16 अप्रैल तक का समय दिया था। इसके बाद भी जब सरकार ने उनकी रिहाई नहीं की तो किसान धरने पर उतर आए हैं।
वहीं किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने हमें भरोसा देकर भी उन्हें रिहा नहीं किया। हमारे किसान साथी जेल में बैठे हैं। जब तक सरकार उन्हें रिहा नहीं कर देती हम रेल ट्रैक खाली नहीं करेंगे। अगर सरकार अभी उन्हें रिहा कर दे तो हम भी अभी के अभी हटने को तैयार हैं।
