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दिल्ली कूच को लेकर 21 फरवरी को दातासिंहवाला बार्डर व शंभू बार्डर पर हुई भिड़ंत के बाद 6 मार्च के दिल्ली कूच के ऐलान से पुलिस सतर्क हो गई है। पंजाब की साइड से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों, बसों व दूसरे वाहनों पर भी पुलिस की निगाह रहेगी। चढ़ूनी बोले, अनीता सुदकैन की जमीन कुर्की का करेंगे विरोध।

जींद/अंबाला। हरियाणा के दातासिंहवाला व शंभू बार्डर पर 13 फरवरी से जमे किसानों ने एक बार फिर 6 मार्च को दिल्ली कूच करने व 10 को रेल रोकने का ऐलान किया है। बुधवार को किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस सतर्क हो गई है तथा पंजाब की तरफ से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों, बसों व दूसरे वाहनों पर पुलिस की नजर रहेगी। इससे पहले दिल्ली कूच को लेकर 21 फरवरी को दातासिंहवाला व शंभू बार्डर पर किसानों और पुलिस के बीच हुई भिड़ंत में दर्जनों पुलिस कर्मी व किसान घायल हुए थे। दातासिंहवाला में पंजाब के एक युवक की मौत भी हुई थी। भले ही दोनों बार्डर पर बैठे किसान संगठनों ने खुद बार्डर पर रहने तथा देश के दूसरे किसान संगठनों से दिल्ली कूच करने का आह्वान किया है, परंतु दिल्ली कूच को लेकर 13, 14 और 21 फरवरी को पंजाब के किसान संगठनों के रूख को देखते हुए हरियाणा सरकार कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है।

शंभू व दातासिंहवाला बार्डर अभी भी सील

हरियाणा सरकार ने पंजाब के किसान संगठनों के 13 फरवरी के दिल्ली कूच को देखते हुए शंभू व दातासिंहवाला बार्डर सहित पंजाब से सटे सभी रास्तों को सील कर दिया था। 11 फरवरी से जींद, फतेहाबाद, सिरसा, कैथल, अंबाला, कुरूक्षेत्र सहित सात जिलों में बंद इंटरनेट सेवा में भले ही कुछ राहत दे दी हो, परंतु बार्डर पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। दोनों बार्डर अभी भी पूरी तरह से सील है तथा किसी को भी आने जाने की इजाजत नहीं है।

दिल्ली कूच नहीं करेगा चढ़ूनी गुट

आंदोलन की अगुवाई कर रहे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल व सरवन सिंह पंधेर की कार्यशैली पर कई बार सवाल उठा चुके गुरनाम सिंह चढ़ूनी गुट ने पंजाब के किसानों के आह्वान पर बुधवार को दिल्ली कूच में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। कुरूक्षेत्र में मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि आंदोलन कर रहे संगठनों ने पंजाब हरियाणा के किसान संगठनों को दिल्ली कूच में भाग नहीं लेने की बात कही थी। जिस कारण यह निर्णय लिया है। उन्होंने किसान आंदोलन के एक केस में भाकियू नेता अनीता सुदकैन की जमीन कुर्की के आदेशों की निंदा करते हुए कहा कि बिना नोटिस के ऐसी कार्रवाई गैरकानूनी है। भाकियू महिला किसान नेता के साथ खड़ी है तथा कुर्की का हर स्तर पर विरोध करेगी। 

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