करनाल में मनोज वधवा को भाजपा छोड़ना पड़ा महंगा: ईडी ने दी घर में दस्तक, दिया नोटिस, 13 दिन पहले छोड़ी थी पार्टी 

ED team vehicles parked outside Manoj Bajwas house
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मनोज बाजवा के घर के बाहर खड़ी ईडी टीम के वाहन।
करनाल में पूर्व भाजपा नेता मनोज वधवा की फैक्टरी पर ईडी की टीम पहुंची। ईडी की टीम ने मनोज के परिजनों से पूछताछ की। 13 दिन पहले ही मनोज ने भाजपा को अलविदा कहा था।

Karnal: पूर्व भाजपा नेता मनोज वधवा के घर पार्टी छोड़ने के 13 दिन बाद ही ईडी ने दस्तक दे दी। सेक्टर 32 में उनकी फैक्टरी में टीम पहुंची, जहां पर परिवार के लोगों से बातचीत की गई। यहां करीब एक घंटे तक टीम रूकी रही और उसके बाद वह चली गई। बताया जा रहा है कि कोई नोटिस देने के लिए टीम पहुंची थी। बता दें कि 4 माह पहले भी ईडी की टीम ने उनके निवास स्थान सेक्टर 13 व सेक्टर 32, 33 में दस्तावेज खंगाले थे। पार्टी छोड़ने के बाद चर्चाएं थी कि मनोज वधवा कांग्रेस में जा सकते है और कांग्रेस की टिकट पर हरियाणा के सीएम नायब सैनी के सामने करनाल विधानसभा का उपचुनाव लड़ सकते है। शायद, मनोज वधवा की राह आसान नहीं है।

4 माह पहले भी ईडी ने मारा था छापा

मनोज वधवा के सेक्टर-13 स्थित आवास पर करीब चार माह पहले भी ईडी का छापा पड़ा था। इसी दौरान ईडी ने दो दिनों तक पूरा रिकॉर्ड खंगाला था। पहले दिन उन्होंने सेक्टर-13 और दूसरे दिन सेक्टर 32-33 में मनोज वधवा के दूसरे मकान पर रेड की थी, वहां पर भी रिकॉर्ड चेक किया गया था और परिवार के लोगों से भी पूछताछ की गई थी, लेकिन उसके बाद ईडी ने कुछ स्पष्ट नहीं किया कि आखिर रेड के दौरान मिला क्या है? बता दें कि भाजपा नेता मनोज वधवा एक बिजनेसमैन और माइनिंग का काम भी करते हैं। मौजूदा समय में उनका यमुनानगर में खनन का कारोबार है। वह 2013 से 2018 तक नगर निगम के डिप्टी मेयर रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने 2014 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ करनाल विधानसभा से इनेलो की टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। मगर इस चुनाव में वह जीत हासिल नहीं कर सके।

कांग्रेस से लड़ा था मेयर का चुनाव

मनोज वधवा ने कांग्रेस के सर्मथन से भाजपा मेयर रेनू बाला गुप्ता के खिलाफ मेयर का चुनाव लड़ा था, लेकिन उसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। चुनाव हारने के बाद सीएम रहे मनोहर लाल की अगुआई में भाजपा का दामन थाम लिया। बीती 17 अप्रैल को उन्होंने भाजपा को अलविदा कह दिया था। हालांकि अभी तक उन्होंने कोई पार्टी ज्वाइन नहीं की है, लेकिन कयास लगाए जा रहे है कि वे कांग्रेस ज्वाइन कर सकते है और उपचुनाव भी लड़ सकते है। लेकिन इन्हीं चर्चाओं के बीच एक बार फिर ईडी मनोज वधवा की फैक्टरी में पहुंच गई। मनोज वधवा से जब ईडी के आने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वह आज बाहर थे और नहीं पता कि कोई टीम आई थी। घर जाकर पता चलेगा कि आखिर क्या मामला था और कोई नोटिस आया है तो वह क्या है। जैसे भी होगा, जांच में सहयोग करेंगे।

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