कांग्रेस चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक: 2-3 सितंबर को जारी होगी लिस्ट, 90 सीटों की एकसाथ हो सकती है घोषणा

Congress election symbol.
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कांग्रेस का चुनाव चिह्न। 
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद उम्मीदवारों के नामों की सूची सितंबर के पहले सप्ताह में जारी हो सकती है।

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की दो घंटे चली बैठक में गंभीर मंथन हुआ। उम्मीदवारों के चयन के लिए केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक 2 या 3 सितंबर को होगी। बैठक के बाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि सभी 90 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची एक साथ जारी की जाएगी। जो उम्मीदवार दो बार या इससे अधिक बार चुनाव हार चुके हैं, उनका टिकट काटा जा सकता है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी मौजूद रहे।

चुनाव नहीं लड़ने वाला भी बन सकता सीएम

दीपक बावरिया ने कहा कि चुनाव नहीं लड़ने वाला भी मुख्यमंत्री बन सकता है। ऐसा नहीं है कि कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं हैं। हमने सिर्फ सांसद के चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। वह भी आगे सीएम फेस हो सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो ऐसा बयान हरियाणा में गुटों में बिखरी कांग्रेस के नेताओं को एकजुट करने के लिए हाई कमान की ओर से एक पैतरा हो सकता है। कांग्रेस हरियाणा में किसी भी चेहरे को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करेगी। चुनाव नहीं लड़ने वाले नेता भी हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं।

पहले यह बोले थे बाबरिया

दीपक बावरिया ने एक दिन पहले बयान दिया था कि पार्टी की ओर से किसी भी मौजूदा राज्यसभा और लोकसभा सांसद को विधानसभा के चुनाव में टिकट नहीं दी जाएगी। यदि इसके बाद भी कोई सांसद चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे इसके लिए हाई कमान से बात करनी होगी। बावरिया की ओर से सांसद को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने के बावजूद कुमारी सैलजा विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी बात पर अडिग थी। सैलजा ने साफ किया था कि वह विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है और मुख्यमंत्री बनना उनके समर्थकों का दवाब है।

पहली लिस्ट फाइनल

हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के चलते कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर भी कोई फैसला नहीं हो पा रहा था। इसी के चलते कांग्रेस पहले प्रदेश में चल रही गुटबाजी पर अंकुश लगाना चाहती थी, क्योंकि गुटबाजी के चलते चुनाव के दौरान जहां पार्टी को भीतरघात का खतरा था। वहीं, समर्थकों का टिकट कटने पर दिग्गज नेता बगावत करने के अलावा दूसरे नेता के उम्मीदवार के वोट काटने का भी काम कर सकते है। अब उम्मीद है कि एक से तीन सितंबर के बीच कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की पहली लिस्ट फाइनल की जा सकती है।

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