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हरियाणा भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला पर पार्टी नेतृत्व का भरोसा विस चुनाव हारने के बाद भी कायम है। राज्यसभा में भेजने के बाद पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति हरियाणा के संयोजक की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। विधायक आसीम गोयल को सह संयोजक बनाया गया।

चंडीगढ़। हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला भाजपा नेतृत्व का भरोसा जीतने में कामयाब रहे हैं। 2019 में टोहाना विधानसभा से हारने के बाद भाजपा नेतृत्व ने हरियाणा की एकमात्र राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार बनाकर फरवरी माह में उन्हें राज्यसभा भेज दिया। अभी राज्यसभा सांसद बनने की खुशियों में ही व्यस्त थे, कि शुक्रवार को केंद्रीय नेतृत्व ने बराला को लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति हरियाणा के संयोजक की जिम्मेदारी सौंपकर एक बार फिर प्रदेश भाजपा में उनका कद बढ़ा दिया। सुभाष बराला के साथ अंबाला से विधायक आसीम गोयल को सह संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी है। 

कई बड़े नेताओं की हुई थी हार

2019 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने वाले अकेले सुभाष बराला ही पार्टी का बड़ा चेहरा नहीं थे। चुनाव हारने वालों में भाजपा के दिग्गज रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, कृष्ण पंवार जैसे कई दिग्गज शामिल थे। 2019 में हार का सामना करने वाले मनोहर सरकार पार्ट वन में पॉवरफुल मंत्री माने जाते थे। जिनमें से पार्टी कृष्ण पंवार को पहले ही राज्यसभा भेज चुकी है। ओमप्रकाश धनखड़ को चुनाव हारने के बाद प्रदेशाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली थी। जिनकी जगह 2023 के अंतिम क्वाटर में नायब सैनी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। 

सभी 10 सीटों पर मिली थी जीत 

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। जिनमें करनाल व फरीदाबाद से छह लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। जबकि सोनीपत से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व रोहतक से उनके तत्कालीन सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा को भी हार का सामना करना पड़ा था।

दिल्ली में हुई बैठक 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर दिल्ली में सभी राज्यों के लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति सदस्यों के साथ बैठक की। जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मौजूद रहे। 
 

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