Ambala Lok Sabha Seat: तेज होगी सियासी जंग, कांग्रेस की टिकट फाइनल, सियासी युद्ध को मिलेगी गति

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: अंबाला की लोकसभा (सुरक्षित) सीट पर रोचक मुकाबला होने की संभावनाएं हैं। कांग्रेस का चेहरा साफ होते ही सियासी गर्मी की शुरुआत होगी। इस बार स्वर्गीय रतनलाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया के लिए सियासी रण चुनौतीपूर्ण रहेगा। अपने अलग स्वभाव हंसमुख औऱ हास्य विनोद करने वाले रतनलाल कटारिया के स्वर्गीय हो जाने के बाद बंतो कटारिया को अकेले ही मोर्चा संभालना पड़ रहा है। बहरहाल, हौसले के साथ मैदान में उतर चुकी बंतो कटारिया अपनी टीम लेकर मैदान में हैं। उन्होंने रोड शो औऱ चुनावी सभाओं का सिलसिला भी शुरु किया हुआ है।
बंतो के समर्थन में पूर्व मंत्री अनिल विज मैदान में उतरे
अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र में तमाम कयासों औऱ चर्चा के बावजूद खुद पूर्व गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज बंतो कटारिया के लिए मैदान में उतरकर काम करने लगे हैं। कटारिया के समर्थन में वे रोड शो करने के साथ ही लोगों से वोट की अपील बेहद ही जोरदार तरीके से कर चुके हैं। जबकि विपक्षी विज की नाराजगी को लेकर तरह-तरह की बयानबाजी करने में जुटे हुए थे। उसके बाद भी विज ने प्रचार की कमान संभालकर अपने विधानसभा क्षेत्र में बंतो कटारिया के लिए प्रचार की मुहिम छेड़ दी है।
कांग्रेस के सियासी दिग्गज मुलाना के विधायक बेटे को कर रहे तैयार
हरियाणा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री फूलचंद मुलाना का लंबा सियासी करियर रहा है। मृदुभाषी और मिलनसार फूलचंद मुलाना अब भले ही सेहत और बुजुर्ग होने के कारण सियासी मैदान में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन उनका बेटा वरुण मुलाना सियासी मैदान में हैं। हरियाणा विधानसभा में बेहतरीन मुद्दा उठाने वाले वरुण सियासी पारी खेलने और लोकसभा की सीट पर कांग्रेस की ओर से भाग्य आजमाने के लिए तैयार हैं। खास बात यह है कि उनके पिता फूलचंद मुलाना को एक बार स्वर्गीय रतनलाल कटारिया ने ढाई दशक पहले पटखनी दी थी, सियासी पराजय को लेकर वरुण मुलाना मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। कांग्रेस हाईकमान के पास उनका नाम अंबाला सुरक्षित सीट से मैदान में उतारने के लिए तैयार है, जिस पर किसी भी वक्त मुहर लगने की प्रबल संभावनाएं हैं।
मई 2023 में कटारिया हो गए थे स्वर्गवासी
अंबाला लोकसभा की सुरक्षित सीट से सांसद रतनलाल कटारिया बेहद ही मिलनसार औऱ हास्य विनोद करने वाले थे लेकिन उनका पिछले साल मई में निधन हो गया। उनके जाने के बाद कटारिया परिवार को बेहद तगड़ा झटका लगा था लेकिन उनके स्थान को भरने के लिए बंतो कटारिया ने कमान संभाल ली है। इतना ही नहीं, बंतो की सक्रियता को ध्यान में रखते हुए पिछली 13 मार्च को टिकट देने की घोषणा कर दी थी। बंतो कटारिया चुनावी मुहिम में जुटी हुई हैं, कटारिया अपने समर्थकों के साथ मैदान में प्रचार की मुहिम के तहत पंचकूला से लेकर अंबाला शहर और अंबाला छावनी के साथ-साथ यमुनानगर के इलाकों में भी घूम रहीं हैं। वैसे, कांग्रेस का टिकट अगर वरुण मुलाना को जाता है, तो बेहद रोचक मुकाबला दोनों सियासी चेहरों में होगा।
कटारिया ने बड़े अंतर से मुलाना को दी थी पटखनी
रतन लाल कटारिया ने फूल चंद मुलाना को 1 लाख 24 हज़ार 478 वोटों के अंतर से हराया था, उस चुनाव में कटारिया को 3 लाख 57 हज़ार जबकि मुलाना को 2 लाख 33 हज़ार वोट प्राप्त हुए थे। वैसे, अतीत पर नजर डालें, तो कटारिया उसके बाद हालांकि अंबाला लोकसभा सीट से लगातार दो चुनाव वर्ष 2004 और वर्ष 2009 में कांग्रेस की नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा से पराजित हुए। बाद में कटारिया ने लगातार दो लोकसभा चुनाव जीते। अब मुलाना मैदान में उतरे, तो वे भी अपने पिता की हार का बदला लेने की तैयारी में हैं।
