केंद्रीय मंत्री की बैठक में बड़ा खुलासा: इस साल हरियाणा में पराली जलाने में आई 60 फीसदी की कमी, जानें कैसे लगी लगाम

stubble burning case
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प्रतिकात्मक तस्वीर।
हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कृषि मंत्रियों की एक बैठक हुई जिसमें पराली जलाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसमें कृषि मंत्री श्याम सिंह ने बताया इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 60 फीसदी की कमी आई है।

Haryana Agriculture Minister Shyam Singh: हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में इस साल पिछले वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत की कमी आई है। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी तथा मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने दी। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि राज्य सरकार द्वारा किसानों को जागरूक करने और पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों का नतीजा है।

ऑनलाइन हुई केंद्रीय कृषि मंत्रियों की बैठक

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक हुई। इस बैठक में चारों राज्यों में पराली जलाने की स्थिति की समीक्षा की गई। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने रोहतक से इस बैठक में भाग लिया और पिछले साल के साथ- साथ इस साल की घटनाओं पर चर्चा की।

किसानों के लिए फायदेमंद उपाय

श्याम सिंह राणा ने बताया कि हरियाणा सरकार ने किसानों को पराली न जलाने के लिए ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक जागरूकता अभियान चलाया है। इसके अलावा, किसानों को पराली प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र भी उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने के बजाय खेत में ही मिलाने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ती है। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में लगभग 60 फीसदी की कमी आई है। वहीं, इस सफलता का श्रेय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा लागू की गई जागरूकता योजनाओं को दिया।

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को आश्वासन

कृषि मंत्री ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को आश्वासन दिया कि हरियाणा सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई किसान पराली जलाता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आगे की रणनीति में हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं, किसानों को जागरूक करना, पराली प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र उपलब्ध करवाना, ग्राम स्तर पर निगरानी रखना और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना।

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