सरकारी जमीन हड़पने का बड़ा फर्जीवाड़ा : आजादी के समय के नकली विस्थापित बनकर 28 एकड़ सरकार जमीन हड़पी

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प्रतीकात्मक फोटो।
एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला की टीम ने कैथल के राजौंद खंड के बिरथे बाहरी गांव में धोखाधड़ी से पट्टेदारों की जमीन अपने नाम करवाने के आरोपी अशोक कुमार को गिरफ्तार किया है।

सरकारी जमीन हड़पने का बड़ा फर्जीवाड़ा : एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला की टीम ने कैथल के राजौंद खंड के बिरथे बाहरी गांव में धोखाधड़ी से पट्टेदारों की जमीन अपने नाम करवाने के आरोपी अशोक कुमार को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक महिला सहित कुल पांच आरोपी शामिल हैं। इनमें बिरथे बाहरी गांव निवासी महेंद्र सिंह, अशोक कुमार, कांता देवी व रामानंद और राजौंद के तत्कालीन कल्याण अधिकारी सतनाम सिहं खांबरा हाल पंचकूला थे। आरोपियों में से महेंद्र सिंह की मौत हो चुकी है।

बिरथे बाहरी गांव में 650 एकड़ जमीन करनी थी अलॉट

एंटी करप्शन ब्यूरो से जिला प्रभारी ने बताया कि बिरथे बाहरी गांव में आजादी के समय आए लोगों को 649 एकड़ चार कनाल, 17 मरले खेती-बाड़ी योग्य जमीन पट्टेदारों को पालन-पोषण करने के लिए 1/3 हिस्से पर दी गई थी। नियमानुसार इसमें से होने वाली कमाई में दो हिस्से किसान व एक हिस्सा सरकार का था। आरोप है कि कुछ समय बाद लोगों ने सरकार को हिस्सा देना बंद कर दिया था, जिस पर उपरोक्त जमीन को पट्टेदारों को आवंटित करने के आदेश सरकार ने पारित कर दिए थे। उस समय राजौंद के तहसीलदार, हलका पटवारी, कानूनगो व अलाटमेंट कमेटी के सदस्य करतार सिहं, दलजीत सिंह व महेन्द्र सिहं नंबरदार आदि को शामिल किया गया था।

पत्नी व लड़के के नाम करवाई थी जमीन

इस जमीन को आवंटित करते समय कमेटी में शामिल महेन्द्र सिंह नंबरदार ने कल्याण अधिकारी सहित अन्य से मिलीभगत करके अपने व अपनी पत्नी जसवंत कौर, लड़के अशोक कुमार सहित अन्य के नाम करीब 28 एकड़ जमीन बिना पट्टेदारियों के नाम करवाकर धोखाधड़ी की। अशोक कुमार कोई पट्टेदार नहीं था। अब इस आरोपी को काबू कर लिया गया है।

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