मानसून में जलभराव की तैयारियों की सख्त समीक्षा: मंत्री राव नरबीर सिंह की चेतावनी, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कड़ी चेतावनी 

Minister Rao Narbir Singh talking to officials at PWD Rest House in Gurugram.
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गुरुग्राम के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में अधिकारियों से बातचीत करते मंत्री राव नरबीर सिंह।
गुरुग्राम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने मानसून से पूर्व जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए नगर निगम और महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। बैठक में राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विकास कार्यों की गुणवत्ता पर कोई समझौता हुआ, तो उन्हें कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।

Strict review of preparations for waterlogging in monsoon : गुरुग्राम में मंगलवार को उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने मानसून से पूर्व जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए नगर निगम और महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विकास कार्यों की गुणवत्ता पर कोई समझौता हुआ, तो उन्हें कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने अधिकारियों से निरंतर मॉनिटरिंग करने को कहा और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी जरूरी कार्य समय पर और तय गुणवत्ता मानकों के साथ पूरे किए जाएं।

मॉनसून से पहले जलभराव की रोकथाम के उपाय

कैबिनेट मंत्री ने बैठक के दौरान जोर देते हुए कहा कि बारिश के दौरान जलभराव और अतिवृष्टि से निपटने के लिए सभी व्यवस्थाओं को समय रहते पूरा कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए गुरुग्राम शहर के विभिन्न विभागों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है और समन्वय के साथ योजना बनानी होगी। राव नरबीर सिंह ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि जिले के सभी ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम की सफाई कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि मानसून के दौरान जलभराव की समस्या न हो।

राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे सफाई का कार्य

साथ ही मंत्री ने जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर के नालों की सफाई कार्य को प्राथमिकता के तौर पर पूरा करने की बात की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए, क्योंकि जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए यह बेहद जरूरी कदम है। इसके अलावा उन्होंने नगर निगम और जीएमडीए से यह भी कहा कि आने वाले तीन वर्षों में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पंप व्यवस्था से हटकर कोई अन्य प्रभावी उपाय ढूंढा जाए।

ग्रीन बेल्ट में जलभराव के समाधान के लिए सुझाव

गुरुग्राम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए राव नरबीर सिंह ने एक नया सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ग्रीन बेल्ट में जलभराव की समस्या को हल करने के लिए जीएमडीए के अधिकारी चिह्नित स्थानों पर ट्रायल के तौर पर गड्ढे खोदकर उसे एक फीट ऊंची ईंटों से भरवाएं। इससे जलस्तर को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने में मदद मिलेगी और कम खर्च में जलभराव की स्थिति से निपटा जा सकेगा। इस उपाय को अपनाकर पानी को जमीन के स्तर से ऊपर तक लाया जा सकता है, जिससे पानी की निकासी बेहतर होगी और साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अच्छा साबित होगा।

नजफगढ़ नाले में गंदे पानी की रोकथाम

राव नरबीर सिंह ने नजफगढ़ नाले की सफाई पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में यमुना को साफ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, और इसी दिशा में गुरुग्राम के ड्रेनेज सिस्टम में फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी नहीं गिरने देना चाहिए। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि इस दिशा में कोई लापरवाही बरती गई, तो कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वे जल्द ही दिल्ली सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे, ताकि नजफगढ़ नाले की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।

सड़क मरम्मत कार्यों के दौरान नालों की सफाई की अव्यवस्था

मंत्री राव नरबीर सिंह ने इस बात पर भी चिंता जताई कि उनके निर्देशों के बावजूद शहर में चल रहे सड़क मरम्मत कार्यों के दौरान नालों की सफाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि यह स्थिति मानसून के दौरान सड़क के ओवरफ्लो होने का कारण बन सकती है, जिससे सड़कों को फिर से नुकसान हो सकता है। इसके अतिरिक्त, कई स्थानों पर नालों के होल सड़कों के स्तर से ऊंचे होने के कारण रिहायशी इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है।

नगर निगम और जीएमडीए के अधिकारियों की जिम्मेदारी

इस बैठक के दौरान नगर निगम के आयुक्त अशोक गर्ग, अतिरिक्त निगम आयुक्त वाई एस गुप्ता, जीएमडीए के चीफ इंजीनियर राजेश बंसल, एक्सईएन विकास मलिक, डीएफओ राजकुमार, और पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के आरओ विजय चौधरी सहित कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। मंत्री राव नरबीर सिंह ने सभी अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सभी तैयारियां समय पर और सही तरीके से की जाएं।

निरंतर मॉनिटरिंग और कार्रवाई की चेतावनी

राव नरबीर सिंह ने कहा कि अधिकारियों को विकास कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग करनी होगी और जो भी कार्य गुणवत्ता से समझौता करेगा, उसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही हुई, तो उनसे कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन के समन्वय से ही जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है, और सभी विभागों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि मानसून से पहले सभी जरूरी कार्य पूरे हो जाएं।

गुरुग्राम में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या न हो, इसके लिए सरकार और प्रशासन अब तक कई कदम उठा चुके हैं, और इस बैठक के बाद अधिकारियों को और भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। अब देखना होगा कि इन निर्देशों के बाद शहर में जलभराव की समस्या कितनी हद तक कम होती है और विकास कार्यों में तेजी आती है।

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