जीएमसीबीएल का बड़ा आदेश: गुरुग्राम की सिटी बसों में बुजुर्गों और दिव्यांगों को नहीं होगी परेशानी, इतनी सीटें रहेंगी आरक्षित

Seats will be reserved in Gurugram city buses
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गुरुग्राम की सिटी बसों में सीटें आरक्षित होंगी।
Gurugram News: गुरुग्राम में 23 रूटों पर 150 सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। इन बसों में कुल 36 सीटें होती हैं, लेकिन उनमें से कोई भी सीट आरक्षित नहीं रखी जाती है। इसको लेकर शिकायतें मिलने के बाद जीएमसीबीएल की ओर से बड़ा आदेश जारी किया गया है।

Gurugram News: गुरुग्राम में पिछले कई सालों से सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में अब शहर की इन बसों में खास सुविधा मिलने वाली है। गुरुग्राम महानगर सिटी बस लिमिटेड यानी जीएमसीबीएल ने सिटी बसों में 8 सीटें आरक्षित रखने का फैसला लिया है। इससे महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और दिव्यांगों को सुविधा मिलेगी। बता दें कि इन बसों में कुल 36 सीटें होती हैं, लेकिन इससे पहले शहर की इन बसों में कोई भी सीट आरक्षित नहीं रखी जाती थी।

महिलाओं और बुजुर्गों को मिलेगी सुविधा

गुरुग्राम की सिटी बसों में 8 सीटों को आरक्षित रखने का फैसला किया है। इसमें चार सीटें महिलाओं के लिए और 2-2 सीटें बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित रखी जाएंगी। बता दें कि साल 2018 में जीएमसीबीएल ने सिटी बस सेवा की शुरुआत की थी, जिसके तहत आज के समय में पूरे शहर में कुल 23 रूटों पर 150 सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है।

हालांकि इससे पहले इन बसों में कोई सीट आरक्षित नहीं की गई थी, जिसके चलते बहुत सी महिलाओं और बुजुर्गों को सीट न मिलने पर खड़े होकर ही सफर करना पड़ता था। मानेसर से गुरुग्राम वाले रूट पर यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से महिलाओं और बुजुर्गों को और भी परेशानी होती है। इसको लेकर कई लोगों ने शिकायत की, जिसके बाद जीएमसीबीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वजीत चौधरी ने सिटी बसों में 8 सीटें आरक्षित करने का निर्देश दिया।

कुछ रूटों पर खाली दौड़ रही पिंक बसें

हाल ही में महिला दिवस के अवसर पर जीएमसीबीएल ने गुरुग्राम में पिंक बस सेवा शुरुआत की, जिसके तहत रूट नंबर 215 बी और रूट नंबर 116 ई पर बसों का संचालन किया जा रहा है। जीएमसीबीएल की जांच में पता चला कि इन रूटों पर हर दिन 8 से 10 ट्रिप लगाए जा रहे हैं, लेकिन हर बार बस में सिर्फ 4 से 5 महिलाएं ही सफर कर रही हैं। ऐसे में जीएमसीबीएल ने फैसला किया है कि करीब एक महीने तक इन बसों का संचालन किया जाएगा, जिसके बाद कोई कदम उठाया जाएगा। बता दें कि इन बसों में महिला कंडक्टर होती हैं, जबकि पुरुष ड्राइवर होते हैं।

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