ग्रामीणों ने लिया बेमिसाल फैसला : सात दिन की कथा सुनकर हरियाणा के एक गांव के लोगों का बदल गया मन और लिए बड़े वचन

Katha organized in Khajuri Jati village of Fatehabad and the villagers present.
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फतेहाबाद के गांव खजूरी जाटी में आयोजित कथा में उपस्थित ग्रामीण।
फतेहाबाद के गांव खजूरी जाटी में चल रही सात दिवसीय कथा का हवन के साथ समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन कथावाचक संत श्री रामाचार्य जी जैसला के वचनों का श्रद्धालुओं पर काफी असर नजर आया।

ग्रामीणों का बेमिसाल फैसला : फतेहाबाद के गांव खजूरी जाटी में चल रही सात दिवसीय कथा का हवन के साथ समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन कथावाचक संत श्री रामाचार्य जी जैसला के वचनों का श्रद्धालुओं पर काफी असर नजर आया। इस कथा में बिश्नोई समाज के अलावा आस-पास के गांवों से काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया। कथा के समापन अवसर पर खास बात यह रही कि गांव व समाज से बुराइयों को खत्म करने के लिए गांव में एक कमेटी का गठन किया गया।

गांव में नहीं होगा मृत्यु भोज

महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ हाथ उठाकर समाज व गांव से सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की शपथ ली। गांव के लोगों ने संकल्प लिया कि आज के बाद हम न तो मृत्यु भोज करेंगे और न ही अगर कोई मृत्युभोज करता है तो उसके घर भोजन करने जाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि इस बुराई से गांव के बहुत से लोगों को बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है।

हुक्के पर भी लगाया प्रतिबंध

ग्रामीणों ने फैसला लिया कि पूरे गांव में हुक्के पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा और कोई व्यक्ति इस फैसले का उल्लंघन करता है तो उसको दंडित किया जाएगा। इस अवसर पर ग्रामीणों ने हवन के समक्ष शपथ ली कि वह आगे से न तो स्वयं किसी प्रकार का नशा करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे। इस सत्संग से उन्हें अहसास हुआ कि नशा घर और शरीर दोनों का नाश करने वाला है। कमेटी सदस्यों ने फैसला लिया कि उनके गांव के अलावा आसपास के गांव में भी लोग अगर ऐसी पहल करते हैं तो कमेटी द्वारा उस गांव की हरसंभव मदद का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर सरपंच सीताराम पूनियां, पूर्व सरपंच संजय मांझू और मंदिर प्रधान मनफूल सारण सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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