फोगाट खाप का सरकार को अल्टीमेटम: 'तारीख पर तारीख देकर किसानों के साथ मजाक', मार्च में नहीं निकला नतीजा, तो देश में भड़केगा आंदोलन

Suresh Phogat head of Phogat Kha
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फोगाट खाप के प्रधान सुरेश फोगाट।
Haryana News: हरियाणा के चरखी दादरी में फोगाट खाप ने कार्यकारिणी की बैठक कर सरकार को चेतावनी दी है। खाप प्रधान ने कहा कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच वार्ता बेनतीजा रहा।

Farmers Protest: किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच कई बार वार्ता के बाद किसानों की मांगे पूरी नहीं की गई। इसको लेकर चरखी दादरी में मंगलवार को फोगाट खाप कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान किसान संगठनों के साथ सरकार की वार्ता विफल होने पर आक्रोष जताया। फोगाट खाप की अगुवाई में हुई इस बैठक में किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर नई रणनीति बनाई।

इस दौरान फोगाट खाप ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मार्च में होने वाली वार्ता से कोई उपाय नहीं निकलता है तो पूरे देश की खाप पंचायतें एकजुट होंगी और किसान संगठनों की अगुआई में बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। बैठक में कहा गया कि इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। ऐसे में अगर किसान संगठन दिल्ली कूच के लिए कॉल करेंगे तो खाप पंचायतें इसके लिए भी तैयार रहेंगी।

'वार्ता के नाम पर किसानों को गुमराह कर रही सरकार'

दरअसल, सोमवार को फोगाट खाप प्रधान सुरेश फोगाट की अगुआई में स्वामी दयाल धाम पर फोगाट खाप की कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान खाप प्रधान ने कहा कि तारीख पर तारीख देकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 3 महीने से किसानों की मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को वार्ता के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।

हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की खाप पंचायतें एकजुट होंगी

बता दें कि हरियाणा में फोगाट खाप का किसानों के बीच अपना एक अलग महत्व है। दादरी में हुई इस बैठक में सुरेश फोगाट ने कहा कि एमएसपी सहित किसानों की दूसरी मांगे भी पूरी तरह से जायज हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में होने वाली बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला, तो खाप पंचायतें कड़ा फैसला लेने को मजबूर हो जाएंगी।

सुरेश फोगाट ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों की मांग नहीं मानी गई तो, सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश की खाप पंचायतों को एकजुट करके बड़े आंदोलन शुरू किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि खाप पंचायतें आंदोलन का नेतृत्व नहीं करेंगे, लेकिन किसान पूरे तन-मन से किसान संगठनों का साथ देंगी। जिससे किसानों की मांगों को पूरा करवाया जा सके।

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