IAS के 100 वर्षीय दादा जिंदा जले : दादरी में अकेले रहते थे, रात को शार्ट सर्किट से लगी आग का सुबह पता चला

IAS Saurabh Swami talking to police after his grandfathers death in Charkhi Dadri. File photo of de
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चरखी दादरी में दादा की मौत के बाद पुलिस से बात करते आईएएस सौरभ स्वामी। इनसेट में मृतक श्रीचंद का फाइल फोटो।
हरियाणा के चरखी दादरी शहर में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां रामलीला ग्राउंड के पास स्थित एक मकान में राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी सौरभ स्वामी के 100 वर्षीय दादा श्रीचंद स्वामी की जिंदा जलने से मौत हो गई।

IAS के 100 वर्षीय दादा जिंदा जले : हरियाणा के चरखी दादरी शहर में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां रामलीला ग्राउंड के पास स्थित एक मकान में राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी सौरभ स्वामी के 100 वर्षीय दादा श्रीचंद स्वामी की जिंदा जलने से मौत हो गई। शुरुआती जांच में मौत का कारण शॉर्ट सर्किट से आग लगना बताया जा रहा है, लेकिन पूरे मामले की जांच जारी है। श्रीचंद इस घर में अकेले रहते थे और उनकी देखभाल के लिए केयरटेकर रखा हुआ था। केयरटेकर सुबह 6 से सायं 8 बजे तक रुकता था।

सुबह 6 बजे केयरटेकर आया तो मौत का पता चला

घटना बुधवार रात की बताई जा रही है। श्रीचंद स्वामी अपने घर में अकेले रहते थे। गुरुवार सुबह 6 बजे जब केयरटेकर रोज की तरह घर पहुंचा तो उसने देखा कि श्रीचंद स्वामी जली हालत में फर्श पर पड़े हुए थे। जिस चारपाई पर वह सोते थे, वह पूरी तरह से जल चुकी थी और आसपास का सामान भी क्षतिग्रस्त था। तुरंत परिजनों और पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि इन्वर्टर से जुड़े कूलर की वायरिंग में गड़बड़ी के चलते शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग लगी और श्रीचंद उसकी चपेट में आ गए। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है ताकि मौत के कारणों की स्पष्ट पुष्टि हो सके।

पार्षद रह चुके थे, परिवार में भी इनेलो से जुड़ा था

श्रीचंद स्वामी पूर्व में पार्षद भी रह चुके थे और समाज सेवा तथा राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते थे। उनके बेटे अशोक स्वामी ने भी लंबे समय तक इनेलो पार्टी से जुड़कर काम किया। अशोक वर्तमान में चरखी दादरी के रोहतक चौक पर 'स्वामी स्वीट्स' नाम की मिठाई की दुकान चलाते हैं।

अकेले रहते थे श्रीचंद, बेटे का घर था पास में

घटना के संबंध में अशोक स्वामी ने बताया कि उनके पिता बिल्कुल अकेले रहते थे और केवल देखरेख के लिए एक स्थानीय केयरटेकर की सहायता ली गई थी। उनका घर भी पास में ही है। उन्होंने अंदेशा जताया कि सोते वक्त वायरिंग की खराबी के चलते उन्हें करंट लगा होगा और आग लग गई होगी। जिस चारपाई पर वे लेटे थे, वह पूरी तरह से जल चुकी थी और उनके पिता श्रीचंद का चेहरा व बायां हाथ बुरी तरह झुलस गया था।

रात में खाना भी नहीं खाया था, पुलिस ने इत्तफाकिया कार्रवाई की

केयरटेकर दीपक ने भी पुलिस को बताया कि उसने रात में खाना दिया था, लेकिन श्रीचंद ने उसे मेज पर रखने को कहा और कहा कि बाद में खा लेंगे। इसके बाद दीपक घर लौट गया था। अगली सुबह जब वह लौटा, तब तक हादसा हो चुका था। इस दुखद हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है। बुजुर्ग की उम्र और सामाजिक योगदान को देखते हुए लोग उनके अचानक इस तरह जाने से स्तब्ध हैं। पुलिस ने इसे प्रारंभिक तौर पर इत्तफाकिया मौत मानते हुए केस दर्ज किया है, हालांकि जांच पूरी होने तक अन्य पहलुओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।

पिता रेहड़ी पर मिठाई बेचते थे, बेटा बना था आईएएस

श्रीचंद स्वामी के पोते सौरभ स्वामी एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं। बेहद साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने IAS बनने तक का सफर तय किया। वर्तमान में वे राजस्थान सरकार के तहत ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन में एडिशनल कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। सौरभ स्वामी के पिता अशोक स्वामी पहले रेहड़ी पर मिठाई बेचते थे। बाद में उन्होंने शहर के रोहतक चौक पर स्वामी स्वीट्स के नाम से दुकान खोली, जो वे अब भी चला रहे हैं।

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