दिल्ली की बेटी को मिला न्याय: रेप केस में दोषी पिता को आजीवन कारावास, कोर्ट ने कहा- उसे समाज से दूर रखना हमारा कर्तव्य

Delhi Karkardooma Court: कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक युवक को अपनी ही बेटी से रेप करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में एक पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी को समाज के लिए खतरा बताया और कहा कि जघन्य अपराधी किसी भी नरमी का हकदार नहीं है। वहीं इस मामले की जांच में शामिल अधिकारियों ने कोर्ट के फैसले की सराहना की है।
आरोपी से समाज के अन्य बच्चों को भी खतरा- कोर्ट
इस मामले में फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत ने कहा कि एक पिता ने अपनी ही बेटी का रेप किया और उसे छह महीने तक गर्भवती रखा। दोषी द्वारा किया गया ये अपराध सबसे जघन्य कृत्यों में से एक है। ये कृत्य समाज के लिए अस्वीकार्य है। दोषी का कृत्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है। दोषी अपने बच्चों और समाज के अन्य बच्चों के लिए भी खतरा हो सकता है।
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पॉक्सो व अन्य धाराओं के तहत मामला किया गया दर्ज
दोषी पर गंभीर यौन उत्पीड़न और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 व आईपीसी की रेप से संबंधी कई धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया था। हालांकि कोर्ट ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामलों में नहीं आता लेकिन फिर भी दोषी को आजीवन कारावास में रखने की सजा सुनाई जाती है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि समाज की रक्षा करना और ऐसे दोषियों को जितना संभव हो सके, उतने लंबे समय तक समाज से दूर रखना हमारा कर्तव्य है। इस तरह के राक्षसी कृत्यों के लिए दोषियों को सख्त सजा देना बहुत जरूरी है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि साल 2021 में एक युवक ने अपनी ही 17 वर्षीय नाबालिग बेटी से रेप किया था। इसके बाद बेटी गर्भवती हो गई थी। पिता ने उसे छह महीने तक सबसे छुपा कर रखा। मामला खुलने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसी मामले में आज कोर्ट ने आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। फिलहाल पीड़िता को सामाजिक संस्थाओं और कानूनी प्रक्रिया के तहत संरक्षण दिया गया है।
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