दिल्ली की सड़कों की सुधरेगी स्थिति: पसंद की सड़क चुन लें अधिकारी, खराबी पाए जाने पर लिया जाएगा एक्शन

Delhi Roads: दिल्ली में सड़कों की खराब स्थिति अक्सर चर्चा का विषय बनी रहती है। खराब सड़कों के कारण आए दिन किसी न किसी की दुर्घटना होती रहती है। सड़कों की दुर्दशा हमेशा एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है। आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में सड़कें खराब होने और गड्ढों की मरम्मत में देरी को लेकर भाजपा हमलावर रहती थी। अब नई सरकार के गठन के बाद पहले 30 अप्रैल तक दिल्ली में 7000 गड्ढों को भरने का निर्देश दिया गया था।
इसके बाद अब भाजपा सरकार ने सड़कों को लेकर पीडब्ल्यूडी में एक बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस कदम से सड़कों का अधिकार क्षेत्र बदलेगा और अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। सरकार का दावा है कि इस कदम से दिल्ली की सड़कों की स्थिति पहले से बेहतर होगी और अनियमितताओं पर भी रोक लग सकेगी।
सड़कों का रखरखाव हमेशा से एक बड़ा मुद्दा
बता दें कि दिल्ली की सड़कों का रखरखाव हमेशा से एक बड़ी चुनौती है। पिछले पांच सालों में दिल्ली की कई सड़कें टूटी रहीं। कई सड़कों पर मरम्मत का काम अधूरा रहा। वहीं कई इलाकों में केवल पैचवर्क से ही काम चला दिया गया। सड़कों पर सीवर का गंदा पानी बहता रहता है। इसके कारण बारिश के मौसम में लोगों को काफ परेशानी होती है क्योंकि जगह-जगह पर जलभराव और गड्ढे हो जाते हैं।
कई बार इलाके के लोग बारिश के मौसम में घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहते हैं। हालांकि इतनी समस्याओं के बावजूद पिछली सरकार कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पाई। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला था और इसे भ्रष्टाचार का नतीजा बताया था।
सड़कों की स्थिति को सुधारने के लिए नई योजना
नई सरकार ने सत्ता संभालते ही सड़कों की स्थिति को सुधारने के लिए नई योजना बनाई है। अब तक तीन अभियंताओं के पास सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी होती थी जिसके कारण समय बर्बाद होता था और काम में देरी होती थी। अब इस व्यवस्था को बदला जाएगा और एक सड़क की जिम्मेदारी एक ही अधिकारी को दी जाएगी। इससे सड़कों की स्थिति पर जवाबदेही तय होगी और काम में तेजी आएगी। नई नीति के तहत अब छोटी कंपनियों को टेंडर ने देकर बड़ी कंपनियों को दिया जाएगा। इससे पैसा और समय दोनों की बचत होगी।
कम से कम एक सड़क की देखभाल के निर्देश
एक वरिष्ठ पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली सरकार ने अधीक्षण अभियंता स्तर तक के सभी पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को कम से कम एक सड़क की देखभाल करने का निर्देश दिया है। इस निर्णय के जरिए सड़कों की स्थिति में सुधार होगा। अधिकारियों को एक एक्सेल शीट दी गई है जिसमें दिल्ली की सड़कों की लिस्ट है। इस लिस्ट में से अपनी पसंद की सड़क चुनने के लिए कहा गया है। इसके लिए अधिकारियों को सात दिन का समय दिया गया है।
चुनी गई सड़क की करेंगे निगरानी
हर अधिकारी अपने द्वारा चुनी गई सड़क की निगरानी करेगा। सड़कों की स्थिति की रिपोर्ट को ई-मॉनिटरिंग एप पर रिपोर्ट साझा किया जाएगा। सरकार की ये पहल पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र के तहत सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए बड़ा कदम साबित हो सकती है। वहीं बाद में अगर कोई सड़क खराब पाई जाती है, तो अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सड़कों की खस्ता हालत एक बड़ा मुद्दा रहा था। चुनाव जीतने के बाद 7000 गड्ढों को भरने के लिए 30 अप्रैल की समय सीमा तय की गई थी। 30 अप्रैल के बाद इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
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