दिल्ली पुलिस को मिली सफलता: ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 9 आरोपी गिरफ्तार

Delhi Crime News
X
प्रतीकात्मक तस्वीर।
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जो करीब 40 लाख की ठगी को अंजाम दे चुका था। पुलिस ने मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एक ऐसा कॉल सेंटर जो सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी को अंजाम दे रहे थे, पुलिस ने उसका भंडाफोड़ कर दिया है। यह कॉल सेंटर सरकारी योजनाओं के तहत लोन दिलाने के नाम पर ठगी करता था। साउथ डिस्ट्रिक्ट स्पेशल स्टाफ ने इसका पर्दाफाश किया है। इस सिलसिले में नौ महिला टेली कॉलर को बुक किया गया था, मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

40 लाख से अधिक की ठगी को दिया अंजाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह गैंग देशभर में 400 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बना चुका था। अभी तक की जांच में इनके द्वारा 40 लाख से अधिक की ठगी की गई। पुलिस ने 50 से ज्यादा पीड़ितों की पहचान भी कर ली है। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के लोग शामिल हैं। डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि स्पेशल स्टाफ की टीम को लाडो सराय गांव में फर्जी कॉल सेंटर चलने की जानकारी मिली थी।

दिल्ली के साकेत थाने में मुकदमा दर्ज

इसके बाद पुलिस ने ओल्ड एमबी रोड लाडो सराय गांव स्थित एक परिसर में रेड डाली। वहां से 20 लोगों को पकड़ा गया। इनमें से नौ महिलाएं सक्रिय रूप से लैपटॉप और मोबाइल फोन का प्रयोग कर कॉल करने और रजिस्टरों में अपना रिकॉर्ड बनाने में लगी थी। जांच के दौरान कॉल सेंटर संचालित करने से जुड़ा कोई लाइसेंस या वैध परमिशन से संबंधित कागज नहीं मिला। पूछताछ में पता चला कि इस फर्जी कॉल सेंटर के कर्मचारी लोगों को कॉल कर उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत ऋण देने की पेशकश कर चूना लगाते थे। इस संबंध में साकेत थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

ऐसे देता था ठगी को अंजाम

कालकाजी निवासी आरोपी विकेश इस फर्जी कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड है। वह ओखला में ई कॉमर्स कॉल सेंटर में काम कर चुका है। आरोपियों ने एक फर्जी वेबसाइट बना उस पर सरकारी लोन योजना का लोगो और लोन से जुड़ी जानकारी अपलोड की हुई थी। इसका लिंक पीड़ितों के मोबाइल नंबर पर शेयर किया जाता था। झांसे में आए लोगों को प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में 100 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा जाता था। जैसे ही पीड़ित लिंक में दिए गए फार्म में अपना विवरण भरते वह सीधा जालसाजों के बैक एंड कार्यालय पैनल पर दिखाई देता।

पूरा अकाउंट कर देता था खाली

पीड़ित द्वारा 100 रुपए का भुगतान करने पर तकनीकी खामी दिखती थी, जबकि उसके खाते से ट्रांजेक्शन हो जाती थी। इसके बाद टेली-कॉलर पीड़ित के ट्रांजेक्शन का मैसेज मांगते थे। इस मैसेज से टेली कॉलर को उसके खाते के शेष बैलेंस का पता चल जाता था। फिर वह पीड़ित को दोबारा भुगतान करने के लिए कहते थे। इस बार आरोपी भुगतान के विकल्प में पीड़ित के खाते की सारी रकम भर देते थे। जैसे ही पीड़ित भुगतान करता तभी उसका बैंक अकाउंट खाली हो जाता।

ये भी पढ़ें:- करोल बाग में लगी आग: लाखों का सामान जलकर हुआ खाक, बड़ी मशक्कत से दमकल विभाग ने पाया काबू

ये भी पढ़ें:- Union Budget 2024: 'आप' के नेता संजय सिंह आम बजट पर भड़के, कहा- केंद्र सरकार को इंटर्नशिप करने की जरूरत

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story