Fire in Delhi: दिल्ली को आग की घटनाओं से बचाने की जद्दोजहद, सीएम रेखा गुप्ता ने बनाई खास योजना

Fire in Delhi: दिल्ली में गर्मी बढ़ने के साथ ही आग लगने की घटनाओं में इजाफा होने लगता है। इससे जानमाल को खासा नुकसान पहुंचता है। सबसे बड़ी मुसीबत दिल्ली की तंग गलियां हैं, जहां तक दमकल की गाड़ियों के लिए पहुंचना मुश्किल होता है। ऐसे में सीएम रेखा गुप्ता ने खास योजना बनाई है। इस योजना के तहत जहां दमकल कर्मियों को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, वहीं छोटे दमकल गाड़ियों की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा भी कई संसाधन होंगे, जिससे आग से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
दिल्ली फायर सर्विस के विस्तार पर खर्च होंगे 500 करोड़ रुपये
सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली अग्निशमन सेवा के विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। दमकल विभाग के लिए नए उपकरणों की खरीद पर 125 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शेष राशि अग्निशमन केंद्र स्थापित करने, छोटे अग्निशमन वाहन खरीदने और अग्निशमन कर्मचारियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण देने पर खर्च किए जाएंगे।
फायर बिग्रेड कंट्रोल रूम को अत्याधुनिक बनाया जाएगा
दिल्ली के मंत्री आशीष सूद के साथ डीएफएस कार्यालय पहुंची सीएम रेखा गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा को विश्व स्तरीय अग्निशमन सेवा बनाने का लक्ष्य है। हमारी योजना है कि अग्निशमन में 4 हवाई जल टावर, 17 जल बोबर और 24 क्विक रिएक्शन व्हीकल की व्यवस्था की जाए। कम सेवा वाले क्षेत्रों में भी नए अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अग्निशमन नियंत्रण कक्ष के पुनरुद्धार कार्य चल रहा है। जल्द ही यह पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत और अत्याधुनिक केंद्र में तब्दील नजर आएगा। इसके अलावा सीएम ने यह भी कहा कि दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके लिए विशेष योजना बनाई जा रही है।
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छोटी कॉलोनियों में बनेंगे स्थायी दमकल केंद्र
इस मौके पर दिल्ली के मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां पर तंग गलियां हैं, जिस कारण आग जैसी घटना में दमकल की टीमों को मौके पर पहुंचने में परेशानी आती है। इसके लिए योजना तैयार की गई है कि ऐसी कॉलोनियों में 100 स्थायी अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएं और दमकल के छोटे वाहन तैनात किए जाएं।
उन्होंने कहा कि हाईराइज बिल्डिंग में भी लिफ्ट इत्यादि का निरीक्षण किया जा रहा है। इनमें 70 मीटर से ऊंची इमारतों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। हाईराइज बिल्डिंग को देखते हुए 90 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने वाले उपकरण खरीदने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा भी कई कदम उठाए जाएंगे, जिससे आग की घटनाओं पर वक्त रहते नकेल कसी जा सके।
