फिर खाट ही बना सहारा : गांव के बाहर उफनती नदी और प्रसव पीड़ा से तड़पने लगी गर्भवती, ग्रामीणों ने दिखाई हिम्मत

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उफनती नदी को पार करके गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाते ग्रामीण
गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने उफनती नदी पार कराकर अस्पताल पहुंचाया। स्वास्थ्य दल नहीं पहुंचा मज़बूरी में जान जोखिम में डालकर ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया।

गणेश मिश्रा- बीजापुर। सरकारें चाहे कितनी भी विकास के दावे कर लें, लेकिन आज भी ऐसे कई इलाके प्रदेश में मौजूद हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल सकी हैं। ऐसा ही एक मामला बीजापुर जिले से सामने आया है। यहां पर एक गर्भवती महिला को उफनती नदी के बीच चारपाई पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया। परिजनों ने मदद के लिए जिम्मेदारों को कॉल किया था, लेकिन किसी कारणवश बचाव दल नहीं पहुंच सका। जिसके बाद ग्रामीणों ने मज़बूरी में गर्भवती महिला को चारपाई के सहारे नदी पार कराकर स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया।

नहीं पहुंच पाई मदद

दरअसल यह पूरा मामला गंगालूर इलाके की रेड्डी और कमकानार गांव के बीच स्थित नदी की है। जहां पर कमकानार की महिला रैनी माडवी को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाना था। जिसके लिए परिजनों ने मदद के लिए जिम्मेदारों को भी फोन किया था। लेकिन वे किसी कारणवश बचाव दल को नहीं भेज पाए। जिसके बाद मजबूरन ग्रामीणों को उस गर्भवती महिला को चारपाई में लादकर नदी पार करना पड़ा और किसी तरह उसे रेड्डी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।

बरसात में आम हो चला है यह दृश्य

इस पूरे मामले के बाद सरकार के विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है। सच तो यही है, कि आज भी कई अंधरूनी इलाके ऐसे है, जो स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में पिछड़ा हुआ है। भले ही अपने जुगाड़ से ग्रामीणों ने चारपाई के सहारे गर्भवती महिला को नदी पार कराकर अस्पताल पहुंचाया हो, लेकिन इस इलाके में विकास के कई दावे सरकार और जिला प्रशासन करती है। परंतु इस तस्वीर ने एक बार फिर सरकार के विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है।

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