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वन अधिकार पत्र वितरण योजना के तहत वन भूमि के जरिए अपना जीविकोर्पाजन कर रहे हितग्राहियों को उस जमीन पर कानूनी हक देकर जीवन में स्थायित्व पैदा करना है।

रायपुर। आदिम जाति विभाग के सचिव सह आयुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने कहा कि वन अधिकार पत्र वितरण केंद्र और राज्य सरकार की बहुत ही महत्वकांक्षी योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य सालों से वन भूमि के जरिए अपना जीविकोर्पाजन कर रहे हितग्राहियों को उस जमीन पर कानूनी हक देकर जीवन में स्थायित्व पैदा करना है। 

दुग्गा ने आज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिलों में पदस्थ परियोजना प्रशासक और सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने अब तक स्वीकृत हुए सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रों की पोर्टल में जल्द ही प्रविष्टि करने के निर्देश दिए। जिन वन अधिकार पत्र धारकों की फौत हो चुकी है उनके वारिसों की जानकारी एकत्र कर संबंधित अभिलेखों में सुधारने की कार्यवाही जल्द पूरी की जाए जिससे उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की को परेशानी न आए। साथ ही वन अधिकार पत्र धारकों को किसान सम्मान निधि प्रदाय किए जाने की स्थिति की समीक्षा की गई। 

इन मामलों का किया निरीक्षण 

इस दौरान उन्होंने नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत आने वाले कैंपों में शामिल ग्रामों में बच्चों के लिए छात्रावास और आश्रमों के मैपिंग की स्थिति की भी समीक्षा की। इस योजना के अंतर्गत आने वाले आवेदकों का सर्वे/चिन्हांकन का काम जल्द पूरा करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा पीव्हीटीजी के सर्वांगीण विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आदर्श ग्रामों के चिन्हांकन की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की गई। जिले में पदस्थ सहायक आयुक्त/ परियोजना प्रशासक और अन्य विभागीय अधिकारियों को पीएम जनमन योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। 

हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जाएं आधारभूत सुविधाएं

उन्होंने कहा कि, हर एक पीवीटीजी बसाहट के पास ही शिविर लगाकर हितग्राहियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और अन्य आधारभूत सुविधाएं कराई जाएं। वहीं सभी हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। 

छात्रावास-आश्रमों की मरम्मत के दिए निर्देश 

शिक्षण सत्र 2024-25 के लिए छुट्टी के बाद विद्यालय खुलने के पहले सभी छात्रावास-आश्रमों में मरम्मत संबंधित काम (रंगाई, पोताई, साफ-सफाई आदि) पूरा करने के निर्देश दिए। छात्रावास-आश्रमों की सामान्य मरम्मत के बारे में जल्द ही मुख्यालय स्तर से सीधे छात्रावास अधीक्षकों को पैसे हस्तांतरित की जा रही है। इन पैसों का उपयोग वे आपात स्थिति से निपटने के लिए भी कर सकते हैं। पैसों का सदुपयोग हो इसे देखने के लिए सहायक आयुक्तों को मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी सहायक आयुक्तों को उनके छात्रावास-आश्रमों में इंटरनेट और सीसीटीवी कैमरा की स्थिति की समीक्षा कर एक रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए हैं जिससे कि, आवश्यक कार्यवाही की जा सके। 

भवनों के निर्माण के लिए भूमि का चयन का दिया निर्देश

नवीन छात्रावास-आश्रमों और अन्य भवनों के निर्माण के लिए भूमि का चिन्हांकन और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लिए भूमि चुनने के बारे में कार्यवाही कर जल्द ही मुख्यालय रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा नवीन शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले बच्चों के लिए कक्षावार पुस्तकें, कॉपियां, गणवेश और अन्य सामग्रियों की व्यवस्था करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हो रही इस बैठक को कार्यपालन अभियंता त्रिदीप चक्रवर्ती, अपर संचालक संजय गौड़, ए.आर नवरंग और उपायुक्त प्रज्ञान सेठ ने भी संबोधित किया और आवश्यक निर्देश दिए। 

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