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कला संकाय के छात्र भी अब इंजीनियरिंग कर सकेंगे। उन्हें पीईटी की आवश्यकता नहीं होगी। सीधे द्वितीय वर्ष में दाखिला ले सकेंगे।

रायपुर। कला संकाय के छात्र भी अब इंजीनियरिंग कर सकेंगे। उन्हें पीईटी की आवश्यकता नहीं होगी। सीधे द्वितीय वर्ष में दाखिला ले सकेंगे। छत्तीसगढ़ के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में बीटेक में प्रवेश के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। इसके अंतर्गत ही यह व्यवस्था की गई है। अब तक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में छात्रों को 12वीं कक्षा के बाद पीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर दाखिले दिए। 

अब तक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले छात्रों को ही मिलता था इसमें प्रवेश

कई विषयों में होता है बीवॉक

बीवॉक अर्थात बैचलर इन वोकेशन पाठ्‌यक्रम के अंतर्गत कई विषयों में पढ़ाई कराई जाती है। पं. रविशंकर शुक्ल विवि के आअध्ययनाशाला में संचालित बीचोंक में अक्षय ऊर्जा संबंधित पाठ्यक्रम संचालित हैं। यह इंजीनियरिंग संबंधित क्षेत्र में आता है. लेकिन इसमें कला संकाय के छात्रों को भी प्रवेश की पात्रता होती है। अन्य विश्वविद्यालयों में फैशन डिजाइ‌निता, इंटीरियर डिजाइनिंग

एक वर्ष पश्चात डीवॉक की डिग्री 

बीवॉक के साथ ही डीधॉक की उपाधि प्राप्त छात्रों को भी बौई में दाखिले का प्रावधान रखा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, बीवोंक में दाखिला प्राप्त छात्र यदि एक वर्ष में बीवोंक की पढ़ाई छोड़ देते हैं तो उन्हें डीवॉक की उपाधि दी जाएगी। ऐसे में ये छात्र भी इंजीनियरिता कोर्स में प्रवेश के लिए पात्र होंगे। इसी तरह से 6 माह बाद बीचोंक की पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाता है। 

विज्ञान-गणित को प्राथमिकता 

और मैथ्स के साथ ही आदर्स और कॉनर्स के छात्रों को भी प्रवेश दिया जाता है। प्राथमिकता साइंस-मैथ्स के छात्रों को दी जाती है। सीटें रिक्त रहने की स्थिति में कला संकाय के छात्रों को भी हम दाखिला देते हैं। हालांकि छात्रों को प्रवेश परीक्षा दिलाली होती है।  जाते थे। इसके अलावा इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी बीई में दाखिले की पात्रता होती थी। ऐसे छात्रों को सीधे बीई द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्रदान कर दिया जाता है। नए नियमों के अनुसार, अब बीवॉक कर चुके छात्रों को भी सीधे बीटेक में लेटरल एंट्री मिल सकेगी। बीवॉक के साथ ही डीवॉक के छात्र भी इसके लिए पात्र होंगे। बीवॉक में छात्रों को 12वीं कक्षा के बाद दाखिले दिए जाते हैं। इसके लिए किसी संकाय विशेष की बाध्यता नहीं होती है। विज्ञान और गणित संकाय के छात्रों के अलावा वाणिज्य और कला संकाय के छात्रों को भी बीवॉक में प्रवेश दे दिया जाता है। इस तरह से अब कला संकाय के  छात्र जो बीचौक अथवा डीवाँक कर चुके हैं, उन्हें भी इंजीनियरिंग में दाखिला मिल जाएगा। 

कई विषयों में...

जेमोलॉजी जैसे विषय भी धोतंक के अंतति पढ़ाए जाते हैं। राजपत्र में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त चोर्ड अथवा विवि से उसी जयता संबंधित सेक्टर के बीचोंक व डीवॉक के छात्र द्वितीय वर्ष में लेटरल एंट्री के लिए पात्र होंगे। हायरसेकंडरी कक्षाओं में छात्रों द्वारा चुने साए विषय का जिक्र नहीं किया गया है। 

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