नंदकुमार साय का यू टर्न : मिस्ड काल मारकर ली बीजेपी की सदस्यता, बोले- परिस्थियां बदलीं, इसलिए आया वापस

Nandkumar Sai took membership of BJP
X
नंदकुमार साय ने ली बीजेपी की सदस्यता
नंदकुमार साय ने एक बार बीजेपी ज्‍वाइन कर ली है। बीजेपी द्वारा जारी नंबर पर मिस कॉल कर सदस्यता ली है। सदस्यता लेने के नंदकुमार साय ने कहा कि, अब परिस्थियां बदल गई हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेताओं में शुमार नंदकुमार साय ने मंगलवार को बीजेपी ज्‍वाइन कर ली है। उन्‍होंने पार्टी द्वारा जारी नंबर पर मिस कॉल कर सदस्यता ली है। जिसके बाद खुद सोशल मीडिया में पोस्‍ट कर लिखा है कि, देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की सदस्‍यता ग्रहण करना गौरव का विषय है।

shared on social media
सोशल मिडिया में किया शेयर

बीजेपी की सदस्यता लेने के नंदकुमार साय ने कहा कि, अब परिस्थियां बदल गई हैं। इसलिए मैंने फिर से भाजपा जॉइन किया है। जब मैंने पार्टी को छोड़ा था तब पार्टी में 60 साल से ज्यादा वाला फॉर्मूला था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, हम भाजपा को स्थापित करने वाले नेता हैं। इसे और मजबूत करना है। पार्टी में किस भूमिका में काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, पार्टी किस भूमिका में काम करायगी यह पार्टी तय करेगी।

छवि ख़राब करने का आरोप लगाकर दिया था इस्तीफा

उल्लेखनीय है कि, 1 मई 2023 को इस्तीफा देते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि, भाजपा नेता ही झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। खुद के खिलाफ साजिश रचने और अपनी गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। अपने इस्तीफे में साय ने कहा था कि, मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, मैंने उन्हें पूरी निष्ठा के साथ निभाया। इसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। एक वीडियो में, वरिष्ठ राजनीतिक नेता से उम्मीद है कि भाजपा ठीक से काम करे।

इसे भी पढ़ें... कोर्ट ने 7 दिन की न्यायिक रिमांड बढ़ाई, 9 सितंबर को होगी अगली पेशी

बीजेपी के कई पदों पर कर चुके हैं काम

नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं। वह राज्य के पहले नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं। बीजेपी से राजनीति करने वाले साय 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जहां कांग्रेस की तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया था। उनके कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी थी। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इसके बाद जब विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शानदार जीत मिली तो कुछ दिनों में ही साय का कांग्रेस से मोहभंग हो गया था। बाद में दिसंबर में ही नंदकुमार साय ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story