बीजेपी ने जारी किया आरोप पत्र : कांग्रेस का 15 सालों का शासन भ्रष्टाचार और बदहाली का, आपदा तक को लूट का अवसर बनाया

Other BJP leaders presenting the charge sheet against BJP State General Secretary Sanjay Srivastava
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बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव के आरोप पत्र पेश करते भाजपा के अन्य नेता
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने शनिवार को कांग्रेस महापौरों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। उन्होंने कहा कि, जनता नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को हराने के लिए तैयार बैठी है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने शनिवार को कांग्रेस महापौरों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा, लोकसभा और रायपुर दक्षिण उपचुनाव के बाद अब प्रदेश की जनता नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को माकूल जवाब देकर सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है।

उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस शासनकाल के भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी और कुशासन को लेकर भाजपा के आरोप पत्र का विमोचन करते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि नगरीय निकाय लोकतंत्र की वह महत्वपूर्ण इकाई है, जिससे जनता सीधे जुड़ी होती है और नगर का तेजी से विकास होता है। एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में श्री श्रीवास्तव ने आरोप पत्र जारी करते हुए विभिन्न बिंदुओं के मद्देनजर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप पत्र जारी किया।

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बीजेपी का आरोप पत्र

भाजपा के आरोप पत्र में जिन बिन्दुओं को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला गया है, वे इस प्रकार हैं :

1. कांग्रेस के 15 साल के शासन में नगर निगम रायपुर में भ्रष्टाचार और लूट के सारे कीर्तमान टूटे।

2. कोरोना महामारी में भी कांग्रेस भ्रष्टाचार से बाज नहीं आई। लगभग 80 लाख रुपया अस्थायी कोविड केयर के सामानों का किराया दिया, जबकि उन्हें खरीदने की राशि भी इतनी नहीं होती।

3. तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर भी कांग्रेस के महापौरों ने जमकर लूट मचाई। करोड़ों रुपए में खरीदे गए फव्वारे चंद दिनों में ही बंद पड़ गए जिसमें बुढ़ा तालाब का 5 करोड़ रु. लागत का म्यूजिकल फाउंटेन भी शामिल है जो केवल एक सौ दिन ही चला।

4. तेलीबांधा से वीआईपी रोड तक का सौंदर्यीकरण बिना टेंडर के ही पूर्ण कर दिया गया था, जिसे जनता ने वॉल ऑफ करप्शन का नाम भी दिया।

5. होर्डिंग्स के मामले में भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार किया, 27 करोड़ का यह घोटाला यूनीपोल घोटाला के नाम से प्रचलित हुआ।

6. नरैया तालाब के सौंदर्यीकरण में भी फर्जीवाड़ा किया गया। 27 लाख का फर्जी वेतन, 40 लाख का टेंडर घोटाला भी सामने आया। यहां तक कि, 100 रुपये की चीजों को हजारों रुपए में खरीदा गया।

7. वित्त आयोग से 10 इलेक्ट्रॉनिक बस की खरीदी के लिए 22 करोड रुपए आवंटित किए गए लेकिन राजधानी में एक भी बस नहीं दौड़ी।

8. 2 साल से बंद पड़ी कंपनियों को बिना जांच और एनओसी के ठेके दिए गए, जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ।

9. शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में पार्किंग एवं ट्रैफिक की जमकर अव्यवस्था रही, प्रदूषण से भी लोगों का जीना मुहाल हुआ।

10. शहर में नालियां जाम रही, साफ सफाई न होने की वजह से लगातार कई इलाकों में मलेरिया, पीलिया जैसी बीमारियां फैलती रही।

11. व्यावसायिक क्षेत्र में जाने वाली महिलाओं को टॉयलेट की भारी कमी से जूझना पड़ा।

12. जनता से अधिक कर की वसूली भी एक पीड़ा देने वाला विषय रहा। कांग्रेस द्वारा मूल कर में ब्याज, पेनाल्टी इत्यादि जोड़कर जनता को जमकर परेशान किया गया।

13. संप्रदाय विशेष को संरक्षण के कारण लगातार अपराध होते रहे। सभ्य नागरिकों का जीना मुहाल रहा।

14. महापौर के रिश्तेदारों का आतंक न केवल आम निवासियों बल्कि पुलिस वालों तक पर चलता रहा।

15. मतांतरण आदि की घटनाएँ लगातार होती रही, उसे निगम और तब की प्रदेश कांग्रेस सरकार का प्रश्रय रहा। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद थे कि तिरंगा जलाने, संविधान फाड़ देने राज की बातें सरेआम की जा रही थी।

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