छत्तीसगढ़ में बढ़ेगा बाघों का कुनबा: एमपी से लाए जाएंगे 15 बाघ, केंद्र की मजूरी के बाद शुरू होगी प्रक्रिया 

Tiger roaming in the jungle
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जंगल में घूमता हुआ बाघ
केंद्र की तरफ से छत्तीसगढ़ को आठ बाघ (दो बाघ और छह बाघिन), राजस्थान को चार बाघिन, और ओडिशा को तीन बाघ (एक बाघ और दो बाघिन) दिए जाएंगे। इस पर सहमति बन गई है।

रायपुर। देश के कई राज्यों में बाघों की संख्या बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी हैं। मध्यप्रदेश के बाघों की प्रसिद्धि दूर- दूर तक फैली हुई है। जिसे लेकर छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा सरकारों ने मध्य प्रदेश से बाघों की मांग की थी। हालांकि, अब तक मध्य प्रदेश सरकार ने इन बाघों के ट्रांसफर की मंजूरी नहीं दी थी। अब मध्यप्रदेश सरकार ने आखिरकार पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा को 15 बाघ देने पर सहमति जताई है।

छत्तीसगढ़ को मिलेंगे दो बाघ, छह बाघिन

15 बाघों में से छत्तीसगढ़ को आठ बाघ (दो बाघ और छह बाघिन), राजस्थान को चार बाघिन, और ओडिशा को तीन बाघ (एक बाघ और दो बाघिन) दिए जाएंगे। इस पर सहमति बन गई है। मध्य प्रदेश वन विभाग मुख्यालय ने वन्यप्राणी शाखा के पीसीसीएफ सुभरंजन सेन से कहा है कि ये बाघ बांधवगढ़, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व से भेजे जाएंगे। इसके साथ ही यह शर्त भी रखी गई है कि, बाघों और बाघिनों की ट्रांसफर प्रक्रिया पशु चिकित्सकों की टीम की निगरानी में की जाए।

Tigress sitting with her cub
अपने शावक के साथ बैठी बाघिन

भाजपा शासित प्रदेश में भेजे जाएंगे बाघ

यह भी उल्लेखनीय है कि जिन तीनों राज्यों को बाघ भेजे जाएंगे, वे सभी भाजपा शासित हैं और इन तीनों राज्यों ने लंबे समय से मध्य प्रदेश से बाघ की मांग की थी। चूंकि मध्य प्रदेश में देश में सर्वाधिक बाघ हैं और यह राज्य 'टाइगर स्टेट' के रूप में जाना जाता है, इसलिए बाघों की प्रजाति का अस्तित्व अन्य राज्यों में बनाए रखने के उद्देश्य से इन्हें वहां भेजने की स्वीकृति दी गई है।

केंद्र की मंजूरी के बाद शुरू होगी प्रकिया

मध्यप्रदेश के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ, शुभोरंजन सेन के अनुसार, मध्य प्रदेश वन विभाग नेशनल टाइगर कंजर्वेशन के तहत राज्य सरकार को बाघों के ट्रांसफर के लिए मंजूरी का प्रस्ताव भेजेगा। केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद ही दूसरे राज्यों को बाघ देने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। बाघों को बांधवगढ़, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व से भेजा जाएगा। यह भी ध्यान देने योग्य है कि मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ और पेंच सहित कई टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या उनकी क्षमता से अधिक है।

सामने रखी ये शर्ते

मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बाघ हैं और इसी कारण इसे 'टाइगर स्टेट' का दर्जा प्राप्त है। जिन तीन राज्यों को मध्य प्रदेश अपने बाघ भेज रहा है, वे सभी भाजपा शासित हैं और इन राज्यों ने लंबे समय से मध्यप्रदेश से बाघ की मांग की थी। बाघों को भेजने का पूरा खर्च संबंधित राज्य को उठाना होगा। इसके लिए भारत सरकार से अनुमति प्राप्त करनी होगी। बाघों के जीवन को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने के लिए विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। बाघों को भेजने का पूरा खर्च संबंधित राज्य को ही वहन करना होगा। इसके लिए भारत सरकार से विधिवत अनुमति प्राप्त करनी होगी।

Tiger and tigress resting in the jungle
जंगल में आराम करते बाघ और बाघिन

छत्तीसगढ़ में अब होंगे इतने बाघ

अचानकमार टाइगर रिजर्व में फिलहाल 12 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई है, जबकि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 10 बाघ होने का दावा किया जाता रहा है। इसके अलावा, बारनवापारा अभयारण्य में एक बाघ घूमता हुआ पाया गया है। वहीं, भोरमदेव अभयारण्य में दो बाघ और गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में 7 बाघों की उपस्थिति की पुष्टि हुई है। इसके साथ अब मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को आठ बाघ (दो बाघ और छह बाघिन) और लाए जाएंगे।

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गुजरात को शेर के बदले दिए गए बाघ

मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में नंदनी और बांधवगढ़ नामक दो बाघों का जोड़ा गुजरात सरकार को सौंपा है, बदले में मध्य प्रदेश को गिर के दो शेर मिले हैं। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल से गुजरात के इंड्रोडा नेचर पार्क को दो बाघ भेजे गए, जबकि जूनागढ़ के शक्कर बाघ जू से वन विहार राष्ट्रीय उद्यान को शेर मिले हैं। दोनों राज्यों में बाघ और शेर की आबादी बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

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