नक्सल आतंक पर नई पहल : बोडो आतंकियों ने छोड़ा था हथियार, शाह के सामने साझा करेंगे विचार

Amit Shah
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 15 दिसंबर को बस्तर में आकर एक बड़ी पहल करेंगे। केंद्र सरकार से शांति समझौता करने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने का फैसला किया था

रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 15 दिसंबर को बस्तर में आकर एक बड़ी पहल करने वाले हैं। जानकारों के मुताबिक नक्सली समस्या के पूर्णतः खात्मे की दिशा में यह अत्यंत महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। सूत्रों के अनुसार अमित शाह के बस्तर आगमन के दौरान उन बोडो आतंकियों को भी यहां लाने की तैयारी है, जिन्होंने केंद्र सरकार से शांति समझौता करने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने का फैसला किया था। वे अपना अनुभव- विचार साझा करेंगे। छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों को यह एक बड़ा संदेश होगा। यह भी तय किया जा रहा है कि नक्सल ऑपरेशन में जो शामिल हैं, वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ डिनर में शामिल हो।

सरकार की ओर से हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णदेव साय ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान हुई चर्चा में एक महत्वपूर्ण रणनीति पर गंभीर मंथन हुआ है। दोनों नेताओं की इस मुलाकात के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बस्तर आने का कार्यक्रम बना है। यह कार्यक्रम जारी होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही था कि इस दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्या करने वाले हैं। जानकारों का कहना है कि अमित शाह ने राज्य में नक्सल समस्या के पूरी तरह खात्मे के लिए अपने प्रयासों के तहत कई बार बस्तर के दौरे किए हैं, लेकिन इस बार का उनका कार्यक्रम सबसे अलग और नया है।

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समझौते के बाद मिला विशेष प्रोत्साहन पैकेज

बोडो आतंकियों द्वारा केंद्र सरकार से शांति समझौता किए जाने के बाद बोडो के प्रभाव वाले क्षेत्रों में शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यही नहीं समझौते के तहत केंद्र सरकार ने उस क्षेत्र के लिए विशेष विकास पैकेज भी दिया है। इस समझौते बाद वहां विकास की राह आसान हुआ है। इधर बस्तर सहित छत्तीसगढ़ में जब से नक्सली आंदोलन चला है उसकी बुनियाद विकास का असंतुलन और पिछड़े, आदिवासी क्षेत्र की उपेक्षा, जल, जंगल जमीन के मुद्दे नक्सली हर जगह उठाते रहे हैं। लेकिन 1967 से यहां सक्रिय होने और बहुत सी हिंसक घटनाओं के बाद भी नक्सलियों के मंसूबे पूरे होने के कोई आसार नहीं है। लगभग ऐसी ही स्थिति पूर्वोत्तर में भी रही है, लेकिन वहां बोडो आतंकियों के हथियार छोड़ने से जो बदलाव आया है वह सकारात्मक है, यही संदेश नक्सलियों को भी देने की कोशिश की जाएगी।

संदेश यही कि नक्सली भी डालें हथियार

हरिभूमि को उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि, केंद्र और राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ इस दिशा में गंभीर प्रयास कर सार्थक और निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है। कुछ महीना पहले नवा रायपुर में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गहन मंथन किया गया था। इस बैठक में देश के सभी नक्सल प्रभावित राज्यों के पुलिस व सुरक्षा बलों के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक में यह तय किया गया है कि 2026 तक छत्तीसगढ से नक्सलियों का सफाया कर दिया जाएगा। वजह यह है कि छत्तीसगढ़ में ही देश का 90 प्रतिशत नक्सलवाद बचा है, बाकी अन्य राज्यों में नक्सली पहले ही सिमट गए हैं। बहरहाल अब ये जानकारी सामने आ रही है कि अमित शाह के बस्तर में कार्यक्रम के दौरान उन बोडो आतंकी नेताओं को सामने लाया जाएगा जो केंद्र सरकार से समझौता करके हथियार डालने को सहमत हुए हैं। उन्हें सामने लाकर नक्सलियों को संदेश दिया जाएगा कि जिस तरह बोडो आतंकी शांति समझौते के लिए सहमत हुए है, वही नक्सलियों को संदेश दिया जाएगा कि जिस तरह बोडो आतंकी शांति समझौते के लिए सहमत हुए है, वही रास्ता नक्सली भी अपनाएं।


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