कोटवार की गुंडागर्दी : खेत की जमीन कब्जाने पूर्व महिला सरपंच पर चढ़ा दिया ट्रैक्टर, देखिए एक्सक्लूसिव वीडियो

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लोगों ने की पिटाई
बिलासपुर जिले में जमीन पर कब्जा करने को लेकर कोटवार ने महिला को ट्रैक्टर से कुचल दिया और उनसे जमकर मारपीट भी की गई। महिला बालका कोल गांव की सरपंच रह चुकी है।

संदीप करिहार-बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में ग्राम बीजा के कोटवार की गुंडागर्दी का वीडियो सामने आया है। जहां जमीन पर कब्जा करने को लेकर कोटवार ने महिला को ट्रैक्टर से कुचल दिया और उनसे जमकर मारपीट भी की गई। महिला बालका कोल गांव की सरपंच रह चुकी है। वीडियो में मारपीट और ट्रैक्टर से कुचलते हुए देखा जा सकता है। महिला को गंभीर हालत में बिलासपुर रेफर किया गया है। बताया जाता है कि, कोटवार वीरेंद्र रजक गांव की आबादी जमीन पर कब्जा करने पहुंचा था। मारपीट के बाद पुलिस ने कोटवार समेत 5 लोगों पर केस दर्ज कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, तखतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत बीजा की जिस आबादी जमीन पर कोटवार वीरेंद्र रजक कब्जा करने ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था। उस पर गांव के कोल परिवार का 25 साल से कब्जा है। जिसमें वो खेती कर रहे हैं। इसी जमीन पर कोटवार अपना कब्जा जमाना चाहता था। इसी मंसूबे से वह ट्रैक्टर से जोताई कर रहा था। इसकी जानकारी लगने पर कोल परिवार विरोध करने पहुंचा तो विवाद शुरू हो गया। विवाद के दौरान ट्रैक्टर के कुचलने से पूर्व सरपंच बालका कोल के साथ ही उसकी रिश्तेदार अलका कोल भी घायल है।

गंभीर हालत में बिलासपुर किया गया रेफर

दोनों को गंभीर हालत में इलाज के लिए बिलासपुर रेफर किया गया है। इस विवाद के बाद गुसाए लोगों ने तखतपुर थाने का घेराव कर दिया। इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई करने की बजाय ग्रामीणों को समझाइश देती रही। जिससे नाराज लोगों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इससे हरकत में आई पुलिस ने आरोपी कोटवार वीरेंद्र रजक उसके दो बेटों और भतीजे पर केस दर्ज कर लिया है।

सिम्स में नहीं मिला इलाज

सिम्स अस्पताल में बेहतर उपचार और व्यवस्था के दावों की पोल खुल गई। ट्रैक्टर से कुचलने की घटना से घायल पीड़ित दोनो महिलाओं को इलाज नहीं मिला है। बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी सिम्स अस्पताल में बिस्तर नहीं मिला। पिछले तीन घंटे से सिम्स हॉस्पिटल में परिजन स्ट्रेचर पर लेकर पीड़ितो को भटकते रहे। लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिला जिसके बाद नाराज परिजनों ने सिम्स प्रबंधन पर कड़ी नाराजगी जताई। जिसके बाद परिजन इलाज के लिए उन्हें निजी अस्पताल ले गए।

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