जवानों ने ध्वस्त किया नक्सल स्मारक : मांद में घुसकर की कार्रवाई, बुलडोजर से तोड़ा माओवादियों का मनोबल

Jawans demolished Naxal memorial
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जवानों ने ध्वस्त किया नक्सल स्मारक
बीजापुर जिले के पुजारी कांकेर के तामील भट्टी में जवानों ने नक्सलियों के बड़े स्मारक को ध्वस्त कर दिया। इसबार बुलडोजर से उन्होंने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ा है। 

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पुजारी कांकेर में जवानों ने बड़ी कार्रवाई की। नक्सलियों की मांद में घुसकर उन्होंने उनका मनोबल तोड़ दिया है। जेसीबी से जवानों ने कई फीट ऊंचे स्मारक को ध्वस्त कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, जवानों ने नक्सलियों की मांद में घुसकर उनके बड़े स्मारक को ध्वस्त कर दिया। जवान बुलडोजर लेकर स्मारक स्थल तक पहुंचे थे। बता दें कि, इसी इलाके में कुछ दिनों पहले जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें 12 हार्डकोर नक्सली मारे गए थे। बता दें कि, यह इलाका छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर है। जवानों ने यहां हाल ही में फॉरवर्ड आपरेटिंग बेस कैंप स्थापित किया है।

Photo of the monument before demolition
ध्वस्त करने से पहले स्मारक की तस्वीर

पिछले साल 90 फीट ऊंचे नक्सल स्मारक को किया था ध्वस्त

वहीं दिसंबर 2024 में जवानों ने बड़े नक्सल नेता के 90 फीट ऊंचे स्मारक को ध्वस्त किया। बीते कुछ सालों की बात करें तो बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में बनाए गए 300 से ज्यादा स्मारकों को तोड़ा जा चुका है। नक्सलियों द्वारा विशेष अवसरों पर अपने साथियों की याद में अपने आधार क्षेत्र के गांवों और जंगलों में स्मारक बनाया जाता रहा है। अब फोर्स उनके आधार इलाकों में घुसकर एक ओर जहां मुठभेड़ में नक्सलियों को मार रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी यादों को भी समाप्त कर रहे हैं।

पिछले कुछ सालों में 300 से ज्यादा स्मारकों को किया जमीदोंज

आकंड़ों की बात करें तो बीते कुछ वर्षों में 300 से अधिक छोटे बड़े स्मारकों को जवान विस्फोट कर और बुलडोजर की मदद से जमीदोंज कर चुके हैं। नक्सल कैलेंडर के मुताबिक नक्सली वर्ष में 6 बार विभिन्न आयोजन करते हैं जिसमें मारे गए साथियों की याद में स्मारक बनाकर उन्हें याद किया जाता है। इस दौरान आस-पास के गावों के सैकड़ों ग्रामीणों को भी आमंत्रित किया जाता है और नक्सलियों की सीएनएन टीम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती दी जाती है। इसके पीछे नक्सलियों की मंशा यह होती है कि, इलाके के लोगों में संगठन की मजबूती को दिखाएं और नए युवाओं को प्रभावित कर संगठन में शामिल कर सकें।

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