बस्तर में बेमौसम बारिश : आंधी और ओला वृष्टि से तेंदूपत्ता संग्रहण पर मंडराया संकट, आदिवासियों की आजीविका पर असर

Jagdalpur, Unseasonal rain, Storm, hail, crisis Tendupatta collection, Impact on livelihood tribals
X
बेमौसम बारिश, आंधी और ओले से खराब हो रहा तेंदू पत्ता
बस्तर में ओलावृष्टि और तेज अंधड़ के कारण तेंदूपत्ता संग्रहण पर बुरा असर पड़ा है। मौसम की मार से पत्तों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों घटने की आशंका है, जिससे हजारों आदिवासी परिवारों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।

महेंद्र विश्वकर्मा - जगदलपुर। बस्तर में हरा सोना माने जाने वाले तेंदूपत्ता पर ओले के साथ तेज अंधड़ की मार के चलते कारोबार पर असर पड़ने की संभावना बनी हुई है। बस्तर संभाग के हजारों परिवार की जीविका और आर्थिक श्रोत का एक प्रमुख साधन तेंदूपत्ता है। कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बदल गया है, तेज हवाएं चलने के साथ बारिश और ओले गिरने के कारण कोमल तेंदूपत्ता को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की माने तो आने वाले दिनों मौसम सही रहा तो नुकसान की भरपाई हो सकता है। एक सप्ताह से हो रहे लगातार बारिश ने यहां के तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले आदिवासियों के माथे में चिंता की लकीर खींच दी है। दिन भर बदली और धूप के बाद शाम को होने वाले बारिश की वजह से तेंदूपत्ता के संग्रहण पर असर डाल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस साल तय लक्ष्य से तेंदूपत्ता की खरीदी कम हो सकती है, जिससे वन विभाग को मिला लक्ष्य पूरा होने में संदेह है। वन विभाग के अनुसार अभी बस्तर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू किया है, लेकिन बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी रहा तो इसके संग्रहण और खरीदी प्रभावित होने वाली है। बताया जा रहा है कि, 6 दिनों में सुकमा जिले में 14, दंतेवाड़ा जिले में 10 एवं बस्तर जिले में एक मानक बोरा का संग्रहण किया और बीजापुर जिले में अब तक संग्रहण नहीं किया गया।

Jagdalpur, Unseasonal rain, Storm, hail, crisis Tendupatta collection, Impact on livelihood tribals

ओले से संग्राहकों में मायूसी

जानकारी के अनुसार, बस्तर में तेंदूपत्ता आदिवासियों के आमदनी का सबसे बड़ा जरिया है। इससे यहां के ग्रामीण संग्राहकों को हर साल लाखों रुपए की आय होती है। सिर्फ 1 से 2 महीनों में ही तेंदूपत्ता संग्राहक हजारों रुपए की कमाई कर लेते हैं। ऐसे में यहां के संग्राहकों को तेंदूपत्ता से बड़ी उम्मीदें हैं, लेकिन बस्तर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश, आंधी और ओले की वजह से तेंदूपत्ता खराब हो रहा है।

Tendupatta

तेंदूपत्ता की क्वालिटी पर असर

तेंदूपत्ता निकलने के दौरान पत्ता कोमल होता है, जिस पर पानी गिरने के बाद दाने के रूप में गांठ बनने की आशंका बढ़ जाती है। इसके साथ ही कई जगह पत्तों में छेद होने का खतरा बना रहता है, ऐसे में सभी पत्ते उपयोग के लिए तोड़े नहीं जा सकते हैं। शुरूआती गर्मी में पत्ते अच्छे निकल रहे थे, लेकिन बेमौसम बारिश ने ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यदि मौसम ऐसा ही चलता रहा तो तेंदूपत्ता की गुणवत्ता के साथ-साथ संग्रहण लक्ष्य प्राप्त करने में भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

Tendupatta

तेंदूपत्ता की खरीदी का मिला लक्ष्य

वन विभाग बस्तर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि बस्तर वृत्त में सुकमा और बीजापुर जिले में सबसे अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण होता है। इसी तरह लगातार बारिश और ओले गिरने का सिलसिला जारी रहा तो क्वालिटी और क्वांटिटी में फर्क आ सकता है। बार-बार मौसम खराब होने की वजह से तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य का संचालन पर असर पड़ेगा। बस्तर वन वृत्त के अंतर्गत 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी का लक्ष्य मिला है। इसके लिए वन विभाग 75 समिति और 1710 फड़ तैयार किया गया है, जहां संग्रहण किया जा रहा है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story