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बस्तर संभाग में काष्ठ और वन्यजीवों का तस्करी करते मिले हैं। जिसके बाद अब तस्कर तेंदुपत्ता की भी तस्करी करने लगे हैं। वन विभाग ने अवैध फड़ की तस्करी करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

महेंद्र विश्वकर्मा-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में काष्ठ और वन्यजीवों का तस्करी करते मिले इसके साथ अब तस्कर पर तेंदुपत्ता की भी तस्करी कर रहे हैं। सुकमा जिले के दोरनापाल थाना अंतर्गत ग्राम पेदाकुर्ती में तेंदुपत्ता का फड़ होने से वन विभाग ने इसकी जानकारी ली। सूचना मिलते ही सीसीएफ आरसी दुग्गा ने स्थल में पहुंच कर जांच की गई। 

जांच में पता चला है कि, ग्रामीण ने पेदाकुर्ती गांव में अवैध फड़ शुरू किया था। जहां से लगभग 24,500 मानक बोरा तेंदुपत्ता मिला है। विभाग ने वन अधिनियम के तहत तेंदुपत्ता को जब्त किया और आरोपी कोंटा निवासी मो. अब्दुल करीम खान, शेख नईम और पेदाकुर्ती निवासी कवासी हिड़मा के खिलाफ 40 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। 

भारी मात्रा में फड़ से तेंदूपत्ता जब्त
भारी मात्रा में फड़ से तेंदूपत्ता जब्त

8 मोटरसाइकिलों के साथ तेंदूपत्ता जब्त 

बताया जाता है कि, आरोपी बस्तर के जंगलों से संग्रहण कर सीमावर्ती राज्य आंध्रप्रदेश और तेलंगाना भेजने की तैयारी कर रही है। वन विभाग ने तेंदुपत्ता की तस्करी को रोकने के लिए नाकों में तलाशी कर रही है। जिसके चलते तेंदुपत्ता सीमावर्ती राज्य ले जाते हुए 8 मोटर सायकिल जब्त किया गया। जब्त मोटर सायकिलों को वन अधिनियम के तहत न्यायालय में पेश किया जाएगा।

तश्करी रोकने के टीमें गठित

वन विभाग जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने बताया कि, तेंदुपत्ता की तस्करी रोकने के लिए टीम गठित की गई है। बस्तर में गर्मियों के मौसम में हरे सोने की पैदावार होती है। तेंदुपत्ता ही आदिवासियों की कमाई का सबसे बेहतरीन जरिया है। जिससे सरकार को भी राजस्व मिलता है।
 

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