आबकारी की ही जांच में खुलासा : शराब दुकानों से पसंदीदा ब्रांड गायब, बीयर गर्म, अहाता भी ठप

Liquor Shops
X
Liquor Shop
छत्तीसगढ़ में पीने के शौकीनों को मनपसंद ब्रांड की शराब नहीं मिल पा रही है। दुकानों की जांच में 18 ऐसी दुकानें मिली जहां थोक में खामियां मिली हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पीने के शौकीनों को मनपसंद ब्रांड की शराब नहीं मिल पा रही है। ये पीने वालों की ही शिकायत नहीं, बल्कि खुद आबकारी विभाग की एक रिपोर्ट से ये बात सामने आई है। एक ही जिले की दुकानों की जांच में 18 ऐसी दुकानें मिली जहां थोक में खामियां मिली हैं। इसमें पसंदीदा ब्रांड का मामला भी शामिल है।

जानकारों की मानें तो सावन के महीने में पीना कुछ कम हो जाता है, लेकिन अब सोमवार से सावन खत्म हो रहा है। ऐसे में मनपसंद बांड न मिलने से शराब की सरकारी बिक्री में कमी तो आएगी ही। इसके साथ ही सरकार के आबकारी राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य पर भी असर पड़ने की आशंका है।

आबकारी से मिलता है तगड़ा राजस्व

राज्य सरकार के पास स्वयं के राजस्व स्रोतों में एक बड़ा हिस्सा आबकारी से मिलने वाला राजस्व है। पूर्व में यह लक्ष्य करीच साढ़े छह हजार करोड़ के आसपास होता था, लेकिन हाल के वर्षों में इसे बढ़ा दिया गया है। जानकारों का दावा है कि अब यह लक्ष्य करीब 11 हजार करोड़ रुपए रखा गया है। राज्य में संभवत पहली बार इतना बड़ा लक्ष्य रखा गया है। इसकी पूर्ति हो पाएगी या नहीं, ये अलग बात है, लेकिन पूर्ति तभी हो सकती है, जब पीने वालों को उनकी पसंद का बांड सरकारी दुकानों पर मिल पाए।

लक्ष्य की पूर्ति के लिए आवश्यक निर्देश

आबकारी राजस्व के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आबकारी विभाग का अमला प्रयासरत है। इस सिलसिले में पिछले दिनों आबकारी आयुक्त आर संगीत की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर आयोजित आबकारी अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान सभी जिलों एवं संभाग के प्रभारी अधिकारियों को जिलों की मदिरा दुकानों के नियमानुसार संचालन एवं विभाग द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए निधर्धारित राजस्व लक्ष्य की पूर्ति के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए थे। जारी निर्देशों के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन की समीक्षा करने पर बिलासपुर जिले में कार्य संतोषप्रद नहीं पाया गया था। यही नहीं, इस जिले की काफी शिकायतें भी आ रही थीं, इसके बाद आबकारी मुख्यालय ने 8 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर बिलासपुर भेजा और 18 शराब दुकानों की जांच में कई तथ्य सामने आए।

सबसे बड़ी खामी, मनपसंद ब्रांड उपलब्ध नहीं

खास बात ये है कि बेवरेज कॉर्पोरशन के प्रबंध संचालक की अध्यक्षता वाली अफसरों की टीम ने आबकारी आयुक्त कार्यालय को दी गई अपनी रिपोर्ट में मदिरा दुकानों की जो मुख्य खामियां गिनाई है. उनमें सबसे पहला बिदु वाहकों की मांग के अनुरूप पॉपुलर चांड की मदिरा की अनुपलब्धता को बताया है। यह भी बताया गया है कि दुकानों में उपलब्ध समस्त प्रकार के मदिरा ब्रांड को विक्रय काउंटर पर नहीं रखा जा रहा है। इसी तरह कुछ अन्य खामियां भी सामने आई है।

जांच के दौरान मिली ऐसी खामियां

1. पॉपुलर ब्रांड की मदिरा की अनुपलब्धता
2. मदिरा ब्रांडों का विक्रय के लिए काउंटर में प्रदर्शन नहीं
3. मदिरा दुकानों का नियमित निरीक्षण नहीं
4. प्रतिदिन की बिक्री राशि की बैंक जमा की रसीद दुकान से गायब
5. बीयर के सभी ब्रांडों को बेचने फ्रीजर में ठंडा नहीं कर रहे उपकरणों, फर्नीचर एवं फिक्चर्स के मेंटनेंस का अभाव
6. संग्रहित खाली कॉर्टन का नियमित विक्रय
7. अधिकांश मदिरा दुकानों में अहातों का व्यवस्थापन ठप

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story