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 16 अप्रैल को अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और धृति योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 16 अप्रैल की सुबह 5:16 से लेकर 17 अप्रैल तक रहेगा।

सोमवार रात्रि 11 बजकर 9 मिनट से प्रारंभ हो चुका है धृति योग
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 से लेकर दोपहर 12:47 बजे तक

रायपुर। 9 अप्रैल से प्रारंभ हुई नवरात्रि का बुधवार को अंतिम दिन है। इससे पहले अष्टमी तिथि को बेहद खास माना जाता है, इसलिए इसे महाअष्टमी भी कहते हैं। इस साल की चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि बहुत खास है, क्योंकि अष्टमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में मां दुर्गा की पूजा-उपासना लाभ देने वाली होगी और जीवन की सारी परेशानियां दूर होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर कई शुभ योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। 16 अप्रैल को अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और धृति योग का निर्माण हो रहा है। 

सर्वार्थ सिद्धि योग 16 अप्रैल की सुबह 5:16 से लेकर 17 अप्रैल तक रहेगा। इसी दौरान रवि योग भी रहेगा। धृति योग 15 अप्रैल की रात 11:09 मिनट पर शुरू हो चुका है और 16 अप्रैल को रात 11:17 मिनट तक रहेगा। इस तरह 16 अप्रैल को ये तीन शुभ योग रहेंगे। पूजा-अर्चना के साथ ही नवीन चीजों की खरीदी अथवा अन्य शुभ कार्य इस दौरान किए जा सकेंगे।

सुबह 7:51 मिनट से कन्या पूजन

16 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 51 मिनट से लेकर 10 बजकर 41 मिनट तक कन्या पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं जो लोग दोपहर को कन्या पूजन करना चाह रहे हैं, वे 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट तक कन्या पूजन कर सकते हैं। 17 अप्रैल को महानवमी है। इस दिन सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर 7 बजकर 51 तक कन्या पूजन कर सकते हैं। दोपहर को अगर कन्या पूजन करना चाहते हैं तो 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट किया जा सकता है।

रायपुर के प्रमुख मंदिर                हवन का समय
मां महामाया मंदिर                    सुबह 10 बजे
दंतेश्वरी मंदिर                            सुबह 11 बजे
रावांभाठा बंजारी मंदिर              सुबह 8 बजे
बूढेश्वर चौक मां शीतला माता     सुबह 10 बजे
आकाशवाणी महाकाली मंदिर   शाम 4 बजे

छत्तीसगढ़ के देवी मंदिरों में हवन-पूजन

मां बम्लेश्वरी, डोंगर गढ़          सुबह 9.30 बजे से
मां दंतेश्वरी, दंतेवाड़ा              सुबह 9 बजे से
मां महामाया, रतनपुर            दोपहर 2 बजे से

हवन आज और कल
जिन घरों में अष्टमी की पूजा करके व्रत खोले जाते हैं, वे इसी दिन हवन और कन्या पूजन भी करते हैं। महाअष्टमी पर हवन और कन्या पूजन करने के लिए वैसे तो पूरा दिन ही शुभ है। लेकिन अष्टमी पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 से लेकर दोपहर 12:47 मिनट तक है। कुछ मंदिरों में हवन अष्टमी तिथि पर किया जाएगा तो वहीं कुछ मंदिरों में हवन नवमी तिथि पर होगा।

 

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