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बस्तर संभाग का बीजापुर जिला अब सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित माना जाता है। यहां के लोगों ने नक्सलियों के बंद के आह्वान को नकारकर बड़ा संदेश दिया है।

श्याम करकू- बीजापुर। लगातार हो रही कार्रवाई से बौखलाए माओवादी संगठन ने छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में बंद का आह्वान किया था। बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने जिले में जनजीवन को सामान्य रखने एवं माओवादियों के नापाक मंसूबे को असफल करने के लिए जिले के व्यापारी संगठन, निजी शैक्षणिक संस्थान के संस्था प्रमुख, समाज प्रमुखों एवं ट्रांसपोर्टर्स की बैठक लेकर बंद को असफल करने का आग्रह किया था। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की अपील पर अन्य दिनों की तरह आज 15 अप्रैल को बीजापुर में जनजीवन सामान्य रहा, बंद का असर देखने को नहीं मिला।

नक्सल बंद के आह्वान को बेअसर करने पर कलेक्टर पाण्डेय ने जिले के समस्त व्यापारी, ट्रांसपोर्टर्स, समाज प्रमुखों एवं सभी संगठनों सहित सहयोगी मीडिया साथियों का आभार व्यक्त किया। कलेक्टर ने फील्ड में जाकर व्यापारियों की हौसला आफजाई की। कलेक्टर ने कहा कि, अब बीजापुर में जन-जीवन समान्य होने की ओर अग्रसर हो रहा है। यहां की जनता दूषित विचारधारा को सिरे से नकारने लगी है। कलेक्टर ने ऐसे प्रतिबंधित संगठनों और असामाजिक तत्वों को संदेश देते हुऐ कहा कि, जिले में भय एवं भ्रम का माहौल पैदा करके जनमानस को गुमराह करने की कोशिश करने वाले चाहे किसी भी स्तर के लोग हों, उन्हे बख्शा नहीं जाएगा। लोकतंत्र के भक्षकों को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

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मतदान के लिए व्यापक तैयारी

जिले के भोली-भाली आदिवासी जनता और बेकसूर ग्रामीणों की नृशंस हत्या करने वाले माओवादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि इसी तरह 3 अप्रैल को माओवादी बंद के आह्वान को जिले की जनता ने अस्वीकार कर अपनी प्रतिष्ठानों को अन्य दिनों की तरह खोले रखे थे। कलेक्टर ने कहा कि 19 अप्रैल को मतदान को मद्देनजर रखते हुए व्यापक स्तर पर पर्याप्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। मतदान की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। जिले में शांतिपूर्ण मतदान के लिए हर आवश्यक उपाय एवं प्रबंध किए गए हैं।

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