अवैध कब्जे पर चला बुलडोजर : दूसरे दिन भी जारी प्रशासन की कार्रवाई, पारागांव में हटाया जा रहा अतिक्रमण 

Bulldozer runs on illegal occupation
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अवैध कब्जे पर चला बुलडोजर
राजिम में माफियाओं द्वारा अवैध रेत उत्खनन तो नवापारा में भू माफियाओं द्वारा शासकीय जमीन पर अवैध कब्जों का दौर जारी है।

सोमा शर्मा-नवापारा। छत्तीसगढ़ के राजिम में माफियाओं द्वारा अवैध रेत उत्खनन तो नवापारा में भू माफियाओं द्वारा शासकीय जमीन पर अवैध कब्जों का दौर जारी है। ये रेत माफिया और भू माफिया ऊंची पहुंच का धौंस दिखाकर लगातार प्रशासनिक अमला पर कार्रवाई न करने का दबाव बनाए हुए थे। शुक्रवार को ग्रामीणों के प्रदर्शन दिखाने के बाद अधिकारियों के हौसलें भी बुलंद हुए और टीम लेकर नवापारा नगर और उसके अंतर्गत आने वाले ग्रामों में बुलडोजर अभियान प्रारंभ कर दिया है।

इसी कड़ी में मंगलवार को भरी दोपहरी में तहसीलदार सूरज बंछोर, टीआई अवधराम साहू के नेतृत्व में तहसील और थाना का अमला पारागांव पहुंचा। जहां पर अमले ने सवा दो एकड़ शासकीय भूमि पर बाउंड्रीवॉल सहित बनें 2 निर्माणाधीन मकानों को ध्वस्त किया। इस मामले पर अधिकारियों ने कहा कि, अब आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। राजिम की अवैध रेत उत्खनन की तरह नवापारा में भी इन दिनों भूमाफियाओं का राज बढ़ गया है। लगातार उनके द्वारा सरकारी जमीनों पर बेखौफ अवैध कब्जा किए जा रहे हैं। वही दूसरी ओर ऊंची पहुंच का धौंस दिखाकर उनके द्वारा प्रशासन को मौन कर दिया जाता है। <blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="hi" dir="ltr">राजिम में माफियाओं द्वारा अवैध रेत उत्खनन तो नवापारा में भू माफियाओं द्वारा शासकीय जमीन पर अवैध कब्जों का दौर जारी है। जिसको लेकर अब प्रसाशन एक्शन मोड में हैं और बुलडोजर से कार्रवाई की जा रही है। <a href="https://t.co/aWy0BDkeDr">pic.twitter.com/aWy0BDkeDr</a></p>— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) <a href="https://twitter.com/Haribhoomi95271/status/1795387392687263853?ref_src=twsrc^tfw">May 28, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

हरिभूमि की खबर के बाद हो रही कार्रवाई

लेकिन पिछले कुछ समय से हरिभूमि द्वारा प्रमुखता से इस खबर को दिखाने के बाद अब अधिकारयों के हौसलें बुलंद हुए हैं और उनके द्वारा लगातार कार्रवाई जारी है। देखना यह होगा कि, अधिकारीयों के ये हौसलें कब तक बुलंद रहेंगे और वे कब तक अवैध रेत उत्खनन और अवैध कब्जे को रोकने में पूरी तरह बंद करने में कामयाब होते हैं।

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