विक्रम मंडावी के आरोप पर बीजेपी का पलटवार : वेंकट बोले- उनसे प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं, हार पर बैज से पूछे सवाल 

BJP targeted MLA Vikram Mandavi
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बीजेपी ने विधायक विक्रम मंडावी पर साधा निशाना
बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने वन मंत्री केदार कश्यप पर चुनाव में निष्क्रिय रहने के आरोप लगाए थे। भाजपा नेता जी वेंकट ने कहा कि, कांग्रेस के विधायक से चुनाव परिणामों को लेकर प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। 

लीलाधर राठी-सुकमा। छत्तीसगढ़ में बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने वन मंत्री केदार कश्यप पर चुनाव में निष्क्रिय रहने के आरोप लगाए थे। जिसको लेकर भाजपा नेता जी वेंकट ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, किसी कांग्रेस के विधायक से चुनाव परिणामों को लेकर प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। बस्तर लोकसभा चुनाव में मंत्री केदार कश्यप के साथ-साथ हर एक कार्यकर्ता ने धरातल पर आकर कार्य करके 50 हजार से भी अधिक मतों से चुनाव में विजय श्री प्राप्त कर ली है।

महेश कश्यप ने 50 हजार से अधिक मतों से हासिल की जीत

बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी द्वारा वन मंत्री केदार कश्यप पर लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय रहने के आरोप के बाद बीजापुर जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष जी वेंकट ने कहा कि, कांग्रेसी नेता स्वयं अपने गिरेबान में झांके। बस्तर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप ने 50 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की है। जीत में प्रदेश अध्यक्ष किरण देव जी, वनमंत्री केदार कश्यप जी सहित भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ताओं ने धरातल पर आकर कार्य किया और 6 बार के विधायक को पटखनी दे दी है।

बैज से जाकर पूछे हार का कारण क्या है

श्री वेंकट ने कहा कि, बस्तर लोकसभा सीट से चित्रकोट, दंतेवाड़ा, कोन्टा से कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है। जबकि चित्रकोट से स्वयं प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का गृह विधानसभा है। बावजुद इसके उक्त विधानसभा से 7502 वोटों की लीड भाजपा को मिली है। क्या विधायक श्री मंडावी प्रदेश अध्यक्ष से इस हार का कारण पुछेगे। क्या उनसे भी वही सवाल करेंगे जो श्री केदार कश्यप के लिऐ कर रहे है। इसी तरह दंतेवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस भाजपा से 12884 मतों से पीछे थी तो क्या इसके लिए देवती कर्मा को दोषी ठहरायेंगे।

विक्रम मंडावी की जमीन धीरे-धीरे खिसक रही है

उन्होंने आगे कहा कि, इसी तरह कोंटा विधानसभा सीट से स्वयं कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी रहे 6 बार के विधायक कवासी लखमा 4000 वोटों से पीछे रह गये। क्या इसमें भी कवासी लखमा की भाजपा से सांठगांठ थी। विक्रम मंडावी की जमीन धीरे-धीरे खिसक रही है। इसलिये अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे है। विधायक श्री मंडावी अपनी पार्टी कांग्रेस की चिंता करें। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई दिग्गज धराशाही हुए हैं वो उसकी समीक्षा करें। रही बात केदार कश्यप जी की तो बस्तर के हर भाजपा कार्यकर्ता को अपने परिवार की तरह रखा है। बस्तर की राजनीति में कश्यप परिवार का योगदान अमूल्य है।

जिलाध्यक्ष बोले- कांग्रेस के दुष्प्रचार के बाद भी बीजेपी को मिली लीड

वहीं नारायणपुर भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम ने कहा कि, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी सिर्फ बयानबाजी करके मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं। नारायणपुर विधानसभा में भाजपा को विषम परिस्थितियों के बावजुद 4500 से अधिक वोटों की लीड मिलना लाखों के बराबर है। विधायक विक्रम मंडावी को अच्छी तरह से पता होगा कि, किस तरह से धर्मांतरण और नक्सलवाद का आतंक फैला कर कांग्रेस ने भाजपाईयों को चुनाव प्रचार से रोकने का असफल प्रयास किया।

भाजपा कार्यकर्ताओं को नक्सलियों द्वारा दी जाती थी धमकियां

उन्होंने आगे कहा कि, लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओ की हत्या और नक्सल धमकी के बाद भी भाजपा कार्यकर्ता मंत्री केदार कश्यप के नेतृत्व में दिन रात जुटे रहे। कांग्रेस ने संपूर्ण बस्तर लोकसभा क्षेत्र में फर्जी आरक्षण का विडियों वायरल कर आदिवासी क्षेत्रों मे दुष्प्रचार करने का प्रयास किया था। लेकिन यहां के आदिवासी उसके झांसे में नही आये। इस विधानसभा में कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी रात में भी चुनाव प्रचार करते थे। जबकि भाजपा
कार्यकर्ताओं को नक्सलियों द्वारा धमकी दी जाती थी।

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