अजीब पहेली : मां-बेटियां लौट आईं तो वो तीनों कौन जिनका अंतिम संस्कार हो चुका, अब नए सिरे से जांच

Ambikapur Raigarh
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पति के महिला और उसकी दोनों बच्चियां
बलरामपुर में एक साल पहले एक महिला और उसके दो बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। लेकिन अभी तक़रीबन एक महीने पहले महिला अपने दोनों बच्चियों के साथ वापिस घर लौट आई है।

अंबिकापुर/रायगढ़। पुलिस गुमशुदगी, बरामदगी और मर्ग कायमी की अजीब पहेली में उलझ गई है। तीन बरस से गायब राबिया परवीन की अपनी बेटियों के साथ सकुशल घर लौटने के बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि के बाद एक साल पहले राबिया समझकर जिस महिला और बच्चियों को दफन किया गया था, वे कौन थीं? फिलहाल पुलिस ने महिला का बयान - दर्ज किया है, लेकिन रायगढ़ पुलिस की चुनौती बरकरार है। रविवार को एसपी राजेश अग्रवाल के निर्देश पर पस्ता थाना प्रभारी विमलेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस की टीम कुसमी पहुंची। पुलिस ने महिला राबिया परवीन से थाने में पूछताछ की।

पूछताछ में राबिया ने पुलिस को फिर से वही बयान दिया कि पति अबुल हसन से झगड़ा होने के बाद वह अपनी बेटियों 6 वर्षीया सिजरा परवीन व 3 वर्षीया गुलस्तां परवीन के साथ घर से चली गई थी। बेहतर काम दिलाने का झांसा देकर एजेंट उन्हें राजस्थान ले गया। वहां छह माह तक रहने के बाद किसी तरह भागकर बच्चियों के साथ जनवरी माह में अपने मायके झारखंड के प्रतापपुर थाना अंतर्गत ग्राम चतरा में रहने आ गई थी। इस दौरान उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि घर से भागने के बाद एक अन्य महिला व बच्चियों की लाश को उनकी लाश समझकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। जनवरी में महिला और बच्चियों के घर लौटने की जानकारी पति को हो गई थी लेकिन वह उन्हें लेने नहीं जा रहा था और झगड़े के कारण महिला भी आना नहीं चाहती थी। इस बीच जुलाई महीने में अबुल हसन पत्नी को अपने घर ले आया जिसके बाद उसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी हुई और यह मामला प्रकाश में आया। फिलहाल महिला ने अपने बयान में किसी अन्य घटना का जिक्र नहीं किया है।

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किया गया है बयान

चौकी प्रभारी विमलेश सिंह ने बताया कि, महिला और उसके पति का बयान लेने पुलिस टीम को कुसमी भेजा गया था। महिला अपनी मर्जी से घर से गई थी और जनवरी माह से वह अपने मायके में थी। जुलाई में पति उन्हें अपने साथ लेकर कुसमी आया। अब तक कोई नहीं जानकारी सामने नहीं आई है। सभी के बयान दर्ज किए गए हैं।

पहचान के लिए इश्तेहार जारी

खरसिया एसडीओपी प्रभात पटेल ने बताया कि, इस मामले में बलरामपुर के एक व्यक्ति ने दावा किया था कि वो उसकी पत्नी व बच्चियां हैं। अब जब उसकी पत्नी व बच्चियां लौट आई तो वह कह रहा है कि वो वैसी ही दिख रहीं थीं। मृत महिला व बच्चियों के डीएनए सहित अन्य टेस्ट के आधार पर पता चला उनकी पानी में डूब कर मौत हुई थी। चूंकि अब तक तीनों अज्ञात हैं इसलिए दीगर जिलों व राज्यों में उनकी पहचान के लिए इश्तेहार जारी किया गया है।

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उम्र के आधार पर की पहचान

पुलिस के अनुसार अब तक के बयान में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक़ महिला और बच्चियों के 3 अगस्त 2023 को बिना बताए घर से जाने के बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट पर पुलिस जांच कर रही थी। इस बीच 14 अगस्त को खरसिया के देहजरी नदी में एक महिला और बच्चियों की लाश मिली। तीनों लाश डिस्पोज हो चुकी थी, इसलिए उनकी पहचान में दिक्कत आ रही थी। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के आधार अबुल हसन अपने साले के साथ खरसिया गया था जहां उम्र के आधार पर ही मृतकों की पहचान की गई और लाश सड़ जाने के कारण उनका अंतिम संस्कार खरसिया में ही किया गया। पस्ता पुलिस की जांच में अब तक कोई नई जानकारी सामने नहीं आई है।

अब तक कोई नहीं आया सामने

इस पूरे मामले में अभी भी बड़ा सवाल यही है कि जिस महिला व बच्ची की लाश मिली थी, वे कौन थे। यदि कोई महिला और बच्चियां लापता हुई हैं तो निश्चित रूप से उनकी तलाश भी की गई होगी लेकिन एक साल में खरसिया पुलिस के पास भी कोई नहीं पहुंचा। पुलिस का कहना है कि सम्भवतः महिला और बच्चियों का कोई रिश्तेदार नहीं होगा, इसलिए कोई उन्हें खोजने के लिए नहीं आया। वहीं पूर्व की जांच में भी तीनों की आत्महत्या की बात सामने आई थी। ऐसे में अब इन लाशों का राज एक पहेली बनकर रह गया है। पुलिस भले ही अब कब्र खोदकर फिर से अवशेष से डीएनए सैंपल प्रिजर्व कर ले लेकिन जब तक कोई दावेदार सामने नहीं आता है तब तक तीनों की पहचान और मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाएगी।

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