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आयुष्मान योजना में उपचार के नाम पर गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नकेल कसने में जुटी हुई है। 

रायपुर। शहीद वीरनारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना में मरीजों के इलाज के नाम पर गड़बड़ी करने से निजी अस्पताल वाले बाज नहीं आ रहे हैं। ज्यादा पैसे की खातिर अलग बीमारी का इलाज और दूसरा पैकेज ब्लाक करने के मामले में आधा दर्जन अस्पतालों को योजना से बाहर कर दिया गया है। इन अस्पतालों को जुलाई में नोटिस जारी किया गया था, मगर उनकी ओर से संतोषपूर्ण जवाब नहीं दिया गया था।

आयुष्मान योजना में उपचार के नाम पर गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नकेल कसने में जुटी हुई है। तीन दिन पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए एक निजी अस्पताल पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया था। शुक्रवार को फिर बड़ा एक्शन लेतेहुए मामले में राजधानी सहित विभिन्न जिलों में संचालित आधा : दर्जन निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य योजना से बाहर कर दिया गया। राज्य नोडल एजेंसी को इन अस्पतालों के खिलाफ पूर्व में अधिक राशि वाले पैकेज ब्लॉक करने, ओपीडी के मरीजों को आईपीडी में दिखाने, बिना मरीज के पैकेज ब्लॉक करने, बिना विशेषज्ञ व सुविधा, अनावश्यक आईसीयू के पैकेज ब्लॉक करने, अस्पताल में गंदगी व अतिरिक्त नकद राशि लेने इत्यादि की शिकायत प्राप्त हुई थी।

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इन अस्पतालों पर कार्रवाई

राज्य नोडल एजेंसी ने राजधानी के बढ़ई पारा स्थित सिटी 24 हॉस्पिटल, पटेवा के जय पतई माता हॉस्पिटल, राजनांदगांव स्थित स्व. विद्याभूषण ठाकुर मेमोरियल हॉस्पिटल, महासमुंद के सांई नमन हॉस्पिटल, बालोद के उम्मीद केयर हॉस्पिटल एवं बिलासपुर के वेगस हॉस्पिटल का पंजीयन आयुष्मान योजना से निरस्त कर दिया है। तीन दिन पहले आरंग के बाबूजी केयर हॉस्पिटल एवं डौंडी लोहारा के समता हॉस्पिटल का पंजीयन निरस्त किया गया था और देवपुरी के जय अंबे मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल पर 31 लाख का जुर्माना किया गया था।

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