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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आत्मानंद स्कूल के 11वीं कक्षा के 47 बच्चों में से 30 फेल हो गए। छात्रों ने शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। 

बिलासपुर। प्रदेश में एक ओर जहां शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के कई प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर न्यायधानी बिलासपुर से स्कूल प्रबंधन पर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है। स्वामि आत्मानंद स्कूल के 11 वीं कक्षा के 47 स्टूडेंट्स में से 30 बच्चे फेल हो गए हैं। 

अच्छा पेपर बनाने के बाद भी फेल

परीक्षा में फेल हुए सभी स्टूडेंट्स ने स्कूल के शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि- परीक्षा में हाथ से लिखा गया प्रश्न-पत्र का विरोध करने के कारण स्वामी आत्मानंद स्कूल (सेजेस खपरगंज) के 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को शिक्षकों द्वारा फेल कर दिया गया। स्टूडेंट्स का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने अच्छा पेपर बनाने के बाद भी 47 छात्रों में से 30 छात्रों को फेल कर दिया है। 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर आरोप

छात्रों ने एनएसयूआई के नेतृत्व में इस मामले की शिकायत अब बिलासपुर कलेक्टर से की है। छात्रों का आरोप है कि जिले में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में उन्हे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्कूल का हाल भी बदहाल है। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी और नोडल अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। 

परीक्षा परिणाम में जांच कार्रवाई की मांग

वहीं इन विद्यार्थियों ने परीक्षा में फेल जानबूझ कर फेल करने के मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की मांग रखी  है। इसके साथ-साथ विद्यार्थियों के उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराए जाने की भी मांग की है।

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