'सड़क' पर अटकीं सुविधाएं : पथरीली पगडंडी पर चलकर करलाकोंटा तक नहीं पहुंच सकता 'विकास' 

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घने जंगल पथरीले व पगडंडी से पहुंच रहे ग्रामीण
यूं तो सरकारों का दावा है कि, उन्होंने बस्तर में विकास की गंगा बहा दी है। लेकिन जिला मुख्यालय से महज 55 किमी. दूर इस गांव तक पहुंचने से पहले ही संभवत: विकास चला है। 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी. दूर घने जंगल, पथरीले व पगडंडी से ग्रामीण पहुंच रहे हैं। इस गांव के ग्रामीण आजादी के बाद से आज तक करलाकोंटा में सड़क, बिजली जैसे मूलभत सुविधाओं से वंचित हैं। बिजली सुविधा भी नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं, लोगों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी कई बार ये सुविधाएं देने की गुहार लगाई है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

इस गांव में 40 घर हैं, जो वर्तमान में रोशनी सहित अन्य सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग की ओर से अब 7.89 करोड़ रूपए की लागत से मारडुम से करलाकोंटा तक डामरीकरण सड़क का निर्माण किया जाएगा, पर अब तक सड़क के लिए टेंडर नहीं हो सका। करलाकोंटा गांव के धीनू, बुधरू सहदेव एवं माडको ने बताया कि गांव में सड़क, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं। सड़क बनने से गांव में मूलभूत सुविधाएं होने की संभावना बढ़ेगी।

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टेंडर होने से होगा निर्माण

लोक निर्माण विभाग उत्तर बस्तर संभाग जगदलपुर क्रमांक-2 के कार्यपालन अभियंता डीएस नेताम ने बताया कि मारडुम-करलाकोंटा की स्वीकृति मिली पर टेंडर होने के बाद सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

सड़क बनने से पहुंचेगी बिजली

विद्युत वितरण कंपनी जगदलपुर परिक्षेत्र के कार्यपालक निदेशक एसके ठाकुर ने कहा कि गांव में मार्ग होने से पोल, ट्रांसफार्मर आदि पहुंचेंगे और ग्रामीणों के घर बिजली से रोशन होंगे।

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