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Who is Akash Deep: इंग्लैंड के खिलाफ बाकी बचे 3 टेस्ट के लिए आवेश खान के स्थान पर आकाश दीप को भारतीय टीम में जगह मिली है। आकाश ने 6 महीने के भीतर ही पिता-भाई दोनों को खो दिया था। इस एक घटना ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी थी।

नई दिल्ली। इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी 3 टेस्ट के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो गया है। इसमें बंगाल के तेज गेंदबाज आकाश दीप को भी चुना गया है। आकाश को पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिली है। लेकिन, उनके लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने 6 महीने के भीतर ही अपने पिता और भाई दोनों को खो दिया था। इस घटना ने उनकी पूरी जिंदगी बदलकर रख दी थी और वो क्रिकेट को लेकर उनके जुनून को और पक्का कर दिया था। 

आकाश दीप के लिए, संघर्ष सिर्फ क्रिकेट मैदान पर ही नहीं रहा, बल्कि उसके बाहर भी उन्हें चुनौतियों को सामना करना पड़ा। वो बिहार से आते हैं, जहां क्रिकेट का कोई समृद्ध इतिहास नहीं है। आकाश के पिता चाहते थे कि वो बिहार पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा में बैठें या कम से कम राज्य सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी [चपरासी] की नौकरी पाने की कोशिश करें। लेकिन, 6 महीने के भीतर परिवार में हुई दो मौतों ने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी थी। 

6 महीने के भीतर पिता-भाई दोनों को खोया: आकाश दीप
आकाश दीप ने भारतीय टीम में चुने जाने के बाद पीटीआई से बातचीत में कहा, "पिता और भाई की 6 महीने के भीतर ही मौत हो गई थी। मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था, और प्रेरणा यह थी कि मुझे परिवार की देखभाल करनी है। मैं अपने क्लब के लिए लेदर-बॉल से मैच खेलूंगा, लेकिन शुरू में पैसे नहीं मिलते थे। इसलिए महीने में तीन से चार दिन, मैं जिले भर में टेनिस-बॉल मैच खेलता था और प्रति दिन 6 हजार रुपये कमाता था। ऐसा करके मैं हर महीने करीब 20 हजार रुपये तक कमाल लेता था, जिससे मैं परिवार की मदद कर पाता था और अपना खर्च भी चला पाता था।"

'मैं जहां से आता हूं, वहां क्रिकेट खेलना अपराध है'
क्रिकेट को गंभीरता से लेने से पहले, आकाश दीप को लोगों के तानों का भी सामाना करना पड़ा। उन्होंने याद किया कि जहां से वह आते हैं, वहां क्रिकेट खेलना 'अपराध' माना जाता था। उन्होंने कहा, "बिहार में (उस समय बीसीसीआई द्वारा निलंबित) कोई मंच नहीं था और विशेष रूप से जहां से मैं आया था, सासाराम में, क्रिकेट खेलना अपराध जैसा था। बहुत से माता-पिता अपने बच्चों से ये कहते थे कि वो मेरे साथ घुले-मिले नहीं क्योंकि मैं सिर्फ क्रिकेट ही खेलता था। उन्हें लगता था कि मेरे साथ रहने से उनके बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो जाएगी। लेकिन मैं उन्हें दोष नहीं देता। ऐसी जगह पर क्रिकेट खेलकर आपको हासिल ही क्या होगा?"

29 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं
इंग्लैंड के खिलाफ बाकी बचे टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में आवेश खान की जगह आकाश दीप को लिया गया है। उनके बंगाल टीम के साथी मुकेश कुमार भी टेस्ट टीम का हिस्सा हैं। 29 फर्स्ट क्लास मैचों के अलावा, उन्होंने 28 लिस्ट-ए मैचों और 41 टी20 मैचों में भी हिस्सा लिया है, जिसमें उन्होंने क्रमशः 42 और 48 विकेट लिए हैं।

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