Shubman Gill: 'मैं शतक मारने के बाद भी दबाव में था..' शुभमन गिल ने क्यों ऐसा कहा? द्रविड़ से क्या बात हुई ये खुलासा किया

Shubman Gill
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शुभमन गिल ने वाइजैग टेस्ट में शतक ठोकने के बाद कहा कि उनपर काफी दबाव था।
Shubman Gill on Feeling Pressure: शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ वाइजैग टेस्ट की दूसरी पारी में तीन नंबर पर शतक ठोका। भारत की जीत के बाद गिल ने ये माना कि वो दबाव में थे।

नई दिल्ली। भारत ने इंग्लैंड को विशाखापट्टनम टेस्ट में हराकर 5 मैच की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली। भारत की जीत में कई खिलाड़ियों का अहम रोल रहा। इसमें शुभमन गिल भी हैं। गिल ने वाइजैग टेस्ट की दूसरी पारी में शतक ठोका और भारत इंग्लैंड को 399 रन का लक्ष्य दे पाया। दूसरा टेस्ट खत्म होने के बाद गिल ने ये स्वीकार किया कि वो दूसरे टेस्ट में वो दबाव में थे। उन्होंने केविन पीटरसन से स्पोर्ट्स 18 पर हुई बातचीत में ये बात कबूल की।

जब शुभमन गिल से स्पोर्ट्स 18 पर केविन पीटरसन से पूछा कि क्या उन्होंने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते समय दबाव महसूस किया था, तो गिल ने कहा, "मैं इसे एक लाइन में बताऊंगा। पहली और आखिरी गेंद खेलते समय मेरे दिल की धड़कन पूरी पारी में एक जैसी थी। भारत के लिए शतक बनाने के बाद भी मैं इतना नर्वस महसूस कर रहा था (हंसते हुए)। सुबह जब इंग्लैंड की टीम बल्लेबाजी कर रही थी तो मैं राहुल (द्रविड़) सर से यही बात कर रहा था। यह मेरे लिए काफी अजीब था। मैंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था।"

मैं दबाव महसूस कर रहा था: गिल
गिल ने आगे कहा, "जाहिर तौर पर पिछले कुछ मैचों में रन नहीं बना पाने के कारण मैं दबाव महसूस कर रहा था। यह बाहरी शोर नहीं था, बल्कि मेरी खुद से अपेक्षाएं थीं... मैं निराश था कि विशाखापट्टनम और हैदराबाद में पहली पारी में कैसे आउट हुआ? इसलिए उन सभी अपेक्षाओं के कारण, मैं निराश था, शायद मेरे दवाब में आने की वजह भी यही थी।"

चोट के कारण गिल फील्डिंग के लिए नहीं उतरे थे
उंगली में चोट के कारण गिल चौथे दिन फील्डिंग के लिए नहीं उतरे थे। लेकिन उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगे।

'घरेलू क्रिकेट में तीन नंबर पर दोहरा शतक ठोका है'
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में उतरने से पहले गिल ने 36 के बेस्ट स्कोर के साथ टेस्ट में तीन नंबर पर 9 पारियां खेलीं थी। उन्होंने खुद इस नंबर पर बैटिंग के लिए टीम मैनेजमेंट से कहा था।

इस पर गिल ने कहा,"लोग मुझसे पूछते रहे कि मैं ओपनिंग से नंबर 3 पर क्यों आ गया। मैंने उन्हें बताया कि मैंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नंबर 3 पर बल्लेबाजी की है और नंबर 3 और नंबर 4 पर तीन दोहरे शतक बनाए हैं। तो यह कुछ ऐसा नहीं था जो मैंने अपने जीवन में कभी नहीं किया। लेकिन नंबर 3 पर बल्लेबाजी करना इंटरनेशनल स्तर पर स्पष्ट रूप से अलग है। और मैं आभारी हूं कि मुझे अनुभव और अवसर मिले और जो गलतियां हुईं... वे सभी इसी पारी में काम आए।"

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