Women World cup: अब मेरे पास अपना मेडल.. प्रतिका रावल के लिए टूटा ICC का नियम, एक शख्स का किया शुक्रिया अदा

Pratika rawal injury news
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Pratika rawal injury news

Women World cup 2025: चोट के कारण महिला विश्व कप सेमीफाइनल और फाइनल नहीं खेल पाईं प्रतिका रावल को भी नियमों को तोड़ते हुए मेडल दिया गया। इसके लिए आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने पहल की।

Women World cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओपनर प्रतिका रावल, जो चोट के कारण वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और फाइनल से बाहर हो गई थीं, अब ठीक हो रही हैं और उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। रावल ने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनकी जगह खेलने उतरी शेफाली वर्मा में कुछ बड़ा करेंगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही।

भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर खिताब जीता था और शेफाली ने 87 रन की पारी खेली थी और 2 विकेट भी झटके थे। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। पैर में चोट की वजह से प्रतिका व्हीलचेयर पर बैठकर टीम की जीत का जश्न मनाने आईं और बाद में उन्हें विश्व कप जीतने पर मेडल भी मिल गया।

प्रतिका के लिए आईसीसी का नियम टूटा

प्रतिका दरअसल, फाइनल में स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थीं, आईसीसी के टूर्नामेंट में पहले ही 15 खिलाड़ियों की सूची हर देश से मांगी जाती है और इसके साथ सपोर्ट स्टाफ की भी लिस्ट जाती है। अगर खिलाड़ी चोट या किसी और वजह से बाहर हो जाता है और दूसरे प्लेयर को स्क्वॉड में शामिल किया जाता है तो फाइनल जीतने पर मेडल नए खिलाड़ी को मिलता है। लेकिन, आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने नियमों को तोड़ते हुए प्रतिका को 16वां सदस्य मानते हुए उन्हें मेडल दिलवाया।

अब मेरे पास अपना मेडल: प्रतिका

इस पर प्रतिका ने कहा, 'अब मेरे पास मेरा अपना मेडल है। सपोर्ट स्टाफ में से एक ने मुझे अपना मेडल अस्थायी रूप से दिया था क्योंकि मेरा नहीं पहुंचा था। अब जय शाह सर ने मुझे मेरा मेडल भेजा है।'

'शेफाली ने फाइनल में शानदार बल्लेबाजी की'

प्रतिका ने बताया कि फाइनल से पहले शेफाली उनके पास आई और बोली, 'मुझे बहुत बुरा लग रहा है कि तुम नहीं खेल पा रही। तब प्रतीका ने कहा कि कोई बात नहीं, मुझे लगता है तुम आज कुछ खास करने वाली हो।'

रावल ने टूर्नामेंट में चोट से पहले 308 रन बनाए थे और वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ियों की सूची में चौथे स्थान पर रहीं। वह बांग्लादेश के खिलाफ फील्डिंग करते हुए एंकल और घुटने की चोट का शिकार हो गई थीं।

प्रतिका मनोविज्ञान की छात्रा हैं और उनका कहना है कि इसने उन्हें चोट के झटके से जल्दी उबरने में मदद की। उन्होंने बताया, 'सबसे पहले मैंने यह स्वीकार किया कि जो हुआ है, उसे बदला नहीं जा सकता। फिर मैं बस रिकवरी, नींद, न्यूट्रिशन और टीम को सपोर्ट करने पर ध्यान देने लगी।'

जल्द वापसी की तैयारी

प्रतीका अब तेजी से रिकवर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं अब बेहतर महसूस कर रही हूं। डॉक्टर की हरी झंडी मिलते ही नेट्स पर लौटूंगी। मेरा लक्ष्य है कि घरेलू सीजन से पहले पूरी तरह फिट हो जाऊं।

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