Maghi Purnima 2025: अश्लेषा नक्षत्र और शोभन योग में मनाई जाएगी माघी पूर्णिमा, इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व

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माघी पूर्णिमा।
Maghi Purnima 2025: मां चामुंडा दरबार के पुजारी गुरूजी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि इस बार अश्लेषा नक्षत्र और शोभन योग में मनाई जाएगी।

Maghi Purnima 2025: माघी पूर्णिमा बुधवार को अश्लेषा नक्षत्र और शोभन योग में मनाई जाएगी। माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का विशिष्ट महत्व है। मां चामुंडा दरबार के पुजारी गुरूजी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि इस बार अश्लेषा नक्षत्र और शोभन योग में मनाई जाएगी। जोकि शुभता का प्रतीक है। इस योग में स्नान, दान आदि धार्मिक कार्य का विशेष फल प्राप्त होता है। माघी पूर्णिमा को डांडा रोपिणी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन शहर में अनेक स्थानों पर होली का डांडा स्थापित करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन देवतागण पृथ्वी पर आते हैं। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है।

उदया तिथि के चलते आज मनाई जाएगी पूर्णिमा
पूर्णिमा तिथि मंगलवार को शाम 6:55 बजे से प्रारंभ हो गई। जिसका समापन बुधवार को शाम 7:22 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि में माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को रहेगी। पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान का शुभ मुहुर्त सुबह 5:19 बजे से सुबह 6:10 बजे तक। पूर्णिमा की तिथि शुभ मानी गई है। इसलिए दिनभर स्नान-दान करना शुभ रहेगा। इस दिन संत शिरोमणि रविदासजी की जयंती भी मनाई जाएगी।

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सत्यनारायण की कथा कराने से मिलता पुण्य लाभ
पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि 27 योगों में शोभन योग विशिष्ट श्रैणी में आता है। इस योग के स्वामी बृहस्पति हैं। देवगुरु के स्वामित्व वाली यह पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु से संबद्ध है। इस दिन घर परिवार में सुख शांति व समृद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की कथा कराने का महत्व है। भगवान विष्णु के मंदिर में चंदन व फल अर्पित करने से भी कृपा प्राप्त होती है। पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी, भगवान शिव, चंद्रमा और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।

इस साल इन तिथियों में रहेंगी पूर्णिमा
14 मार्च फाल्गुन पूर्णिमा, 12 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा, 12 मई वैशाख पूर्णिमा, 11 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा, 10 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा, 9 अगस्त श्रावण पूर्णिमा, 7 सितंबर भाद्रपद पूर्णिमा, 7 अक्टूबर आश्विन पूर्णिमा , 5 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा , 4 दिसंबर मार्गशीर्ष पूर्णिमा रहेगी।

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