66A रद होने के बाद यूं ही कुछ भी लिख नहीं पाएंगे आप, आड़े आएंगे ये कानून

By - Bhavendra Prakash |24 March 2015 12:00 AM IST
कंटेप्ट ऑफ कोर्ट और पार्लियामेंटरी प्रिवेलेज के प्रावधान भी जारी हैं।
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इस मुद्दे पर पहली जनहित याचिका साल 2012 में विधि छात्रा श्रेया सिंघल ने दायर की थी। उन्होंने आईटी अधिनियम की धारा 66 ए में संशोधन की मांग की थी। यह जनहित याचिका दो लड़कियों शाहीन ढाडा और रीनू श्रीनिवासन को महाराष्ट्र में ठाणे जिले के पालघर में गिरफ्तार करने के बाद दायर की गई थी। उनमें से एक ने शिवसेना नेता बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई में बंद के खिलाफ टिप्पणी पोस्ट की थी और दूसरी लड़की ने उसे लाइक किया था।
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